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Jio के समर्थन में आए यूजर, ऑनलाइन याचिका डाल ट्राई से मांगा समाधान

इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज यानी IUC के चलते जियो ने 9 अक्टूबर को ऑफ नेट फ्री कॉलिंग को खत्म करने का फैसला किया है. ऐसे में अब जब IUC का बोझ ग्राहकों के हिस्से आया तो उन्होंने जियो का समर्थन करते हुए ट्राई से जल्द से जल्द इसका समाधान मांगा है.

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  • जियो ने बंद की ऑफ नेट फ्री कॉलिंग
  • ग्राहकों ने ट्राई से मांगा जल्द समाधान

इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज यानी IUC के चलते जियो ने 9 अक्टूबर को ऑफ नेट फ्री कॉलिंग को खत्म करने का फैसला किया है. ऐसे में अब जब IUC का बोझ ग्राहकों के हिस्से आया तो उन्होंने जियो का समर्थन करते हुए ट्राई से जल्द से जल्द इसका समाधान मांगा है. जियो के ग्राहकों ने ट्राई तक अपनी मांग पहुंचाने के लिए ऑनलाइन याचिका दायर की है.

दरअसल ट्राई की ओर से 2017 में IUC चार्ज 6 पैसे प्रति मिनट तय की गई थी और कहा गया था कि 1 जनवरी 2020 तक इसे खत्म कर दिया जाएगा. इसकी वजह से जियो ने कॉलिंग फ्री कर दिया था. लेकिन हाल ही में ट्राई ने रिव्यू के लिए आईयूसी से जुड़ा कंसल्टेशन पेपर मांगा है और इसकी संभावना है कि इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है. ऐसे में ये साफ नहीं है कि IUC के चार्जेज कब तक खत्म होंगे और इसी के चलते जियो पर दबाव बढ़ने लगा और कंपनी ने ऑफ-नेट फ्री कॉलिंग बंद करने का फैसला किया है. साथ ही जियो ने ये भी कहा है कि IUC चार्जेज खत्म होते ही वो फिर से कॉलिंग फ्री कर देगा.

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वहीं दूसरी तरफ वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल ने ये साफ कर दिया है कि वो ग्राहकों के लिए अनलिमिटेड प्लान्स में ऑफ नेट फ्री कॉलिंग जारी रखेंगे. जबकि जियो ने 9 अक्टूबर को ये ऐलान किया कि अब जियो के नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में कॉल करने पर अब ग्राहकों को 6 पैसे प्रति मिनट की दर से भुगतान करना होगा. इसी बीच जब IUC चार्ज का बोझ ग्राहकों पर आया तो उन्होंने ट्राई तक अपनी मांग पहुंचाने के लिए ऑनलाइन याचिका दायर की है. मिली जानकारी के मुताबिक अब तक लगभग 10 हजार से भी ज्यादा ग्राहकों ने जियो का समर्थन करते हुए ट्राई से IUC पर जल्द फैसला लेने की मांग की है.

रिलायंस जियो का कहना है कि कंपनी अपनी शुरुआत से ही फ्री कॉलिंग की सुविधा दे रही थी, लेकिन इसके लिए उसे भारी कीमत चुकानी पड़ती है. वजहें जो सामने आ रही हैं उसमें बताया जा रहा है कि एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के लोवर मिडिल क्लास के लिए जो टैरिफ प्लान्स उनमें कॉलिंग रेट ज्यादा हैं. इनमें से ज्यादातर ग्राहक 2G नेटवर्क से जुड़े हैं और जो मोबाइल का इस्तेमाल खासतौर पर कॉलिंग के लिए करते हैं. ऐसे में ये ग्राहक पैसे बचाने के लिए जियो के ग्राहकों को मिस्ड कॉल देते हैं और जब जियो के ग्राहक दूसरे नेटवर्क में फोन करते हैं तो कंपनी को 6 पैसे प्रति मिनट का भुगतान करना पड़ता है. 

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