17 साल पहले जब Nokia 3310 लॉन्च हुआ था तब के लिए वो किसी फ्लैगशिप डिवाइस से कम नहीं था. लेकिन अब समय भी बदल चुका है और Nokia 3310 के लुक और फील भी. कई नए बदलाव भी हैं, लेकिन इसे देखते हुए बस इतना ही लगता है कि इसके जरिए नोकिया अपने एंड्रॉयड स्मार्टफोन को भुनाना चाहती है. क्योंकि मौजूदा दौर में इस बजट में नोकिया के ही कुछ ऐसे फोन है जो कई मामलों में इससे बेहतर हैं. यानी अगर आप नोस्टैल्जिया को छोड़ कर देखें तो पाएंगे कि इससे बेहतर नोकिया और दूसरी कंपनियों के दूसरे फीचर फोन हैं.
उदाहरण के तौर पर Nokia 230 Dual Sim को ही ले लीजिए. इसकी कीमत लगभग 4 हजार रुपये है. इसमें वो सभी खासियतें हैं जो एक फीचर फोन में होनी चाहिए. 2 मेगापिक्सल कैमरा, 1200mAh की बैटरी, मेटल बैक और एलईडी फ्लैश से लैस इस फीचर फोन में 16MB की इंटरनल मेमोरी है जिसे माइक्रो एसडी कार्ड के जरिए बढ़ा कर आप 32GB तक कर सकते हैं. इसके अलावा नोकिया, सैमसंग और दूसरी भारतीय कंपनियों के कई फीचर फोन Nokia 3310 से बेहतर लगते हैं.
आइए जानते हैं वो वजहें जो Nokia 3310 को पिछले 3310 जैसा नहीं बनने देंगी.
दुनिया बदल रही है लोग इंटरनेट वाले फोन ले रहे हैं. इंटरनेट ही नहीं बल्कि 4जी इंटरनेट. भारत में अगर Nokia 3310 चार हजार की कीमत में लॉन्च होता है तो एक आम यूजर इस कीमत में 4G वाला हैंडसेट ढूंढेगा.
बाजार में 5 हजार रुपये में 4G, क्वाड कोर प्रोसेसर और 16GB मेमोरी वाले डिवाइस उपलब्ध हैं. इसलिए Nokia 3310 के लिए इनवेस्ट करना कई लोगों के लिए मुश्किल होगा.