scorecardresearch
 

सॉफ्टवेयर अपडेट देने में नंबर-1 बना Nokia, ओपो और वीवो सबसे पीछे

सॉफ्टवेयर और सिक्योरिटी अपडेट के मामले में Nokia नंबर बन गई है.  इस मामले में ओपो, लेनोवो और वीवो सबसे पीछे हैं.

Advertisement
X
Representational Image
Representational Image

Advertisement

Nokia स्मार्टफोन यूज करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. क्योंकि Nokia के स्मार्टफोन्स में सॉफ्टवेयर अपडेट के मामले में नंबर-1 हो गया है. रिसर्च फर्म काउंटर प्वॉइंट की एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक सॉफ्टवेयर अपडेट पुश करने में नोकिया दूसरी कंपनियों से आगे है. दूसरे नंबर पर Samsung है.

Oppo, Vivo और Lenovo जैसी कंपनियों को Nokia से सीख लेनी चाहिए. क्योंकि सिर्फ स्मार्टफोन लॉन्च करना ही यूजर्स के लिए फायदेमंद नहीं होगा, बल्कि जिन्होंने स्मार्टफोन्स खरीदे हैं उन्हें अपडेट भी मिलना चाहिए. पैसे सिर्फ स्मार्टफोन्स के नहीं लगते हैं इनमें कुछ हिस्सा सॉफ्टवेयर का भी होता है.  

रिसर्च फर्म काउंटर प्वॉइंट के मुताबिक पिछले साल Nokia के 96% स्मार्टफोन्स Android 9 Pie के साथ बेचे गए हैं. जबकि सैमसंग ने लेटेस्ट सॉफ्टवेयर क साथ पिछले साल 89% स्मार्टफोन बेचे हैं. Xiaomi और Huawei ने Android 9 Pie के साथ 80% स्मार्टफोन्स बेचे हैं.

Advertisement

काउंटर प्लॉइंट की इस रिपोर्ट के मुताबिक Oppo, Vivo और Lenovo के 50% स्मार्टफोन्स अभी भी पुराने Android 8.1 Oreo और इससे भी पुराने एंड्रॉयड वर्जन पर चल रहे हैं. नोकिया की बात करें तो कंपनी सिक्योरिटी पैच देने में बी आगे है. काउंटर प्वॉइंट की यह रिपोर्ट स्मार्टफोन कंपनियों के बारे में बहुत कुछ उजागर करती है.

android-update_083019061512.png

ओपो, वीवो और लेनोवो जैसी कंपनियां स्मार्टफोन लॉन्च लगातार करती हैं. लेकिन बावजूद इसके नए अपडेट नहीं मिलते हैं. यूजर्स को लुभाने के लिए कई मार्केटिंग गिमिक हो रहे हैं. इनमें चार कैमरे देने, सेल्फी कैमरे को अलग बनाना और गेमिंग के लिए नए फीचर्स. इन सब से ये कंपनियां यूजर्स को लुभाती हैं.

सॉफ्टवेयर अपडेट किसी भी स्मार्टफोन के लिए काफी अहम होता है. लेटेस्ट वर्जन का एंड्रॉयड कभी भी पुराने वर्जन से बेटर होता है. क्योंकि लेटेस्ट वर्जन और नए सिक्योरिटी पैच के जरिए कंपनी स्मार्टफोन को नए मैलवयेर, वायरस और कई तरह के सिक्योरिटी थ्रेट से बचाती है.

आम तौर पर हैकर्स भी पुराने वर्जन के एंड्रॉयड पर टार्गेट करते हैं, क्योंकि इन्हें हैक करना आसान होता है. वायरस हर दिन नए तरीके से अटैक करते हैं. मैलवेयर तेजी से अपना अटैक का तरीका बदलते हैं और इसी तरह पुराने वर्जन एंड्रॉयड यूजर्स खतरे में होते हैं.

Advertisement
Advertisement