दिल्ली हाई कोर्ट ने 'वन प्लस वन' को भारत में अपने फोन बेचने की इजाजत दे दी है. अदालत ने 16 दिसंबर को उस पर माइक्रोमैक्स के आरोप के बाद रोक लगा दी थी, लेकिन अब वह रोक हट गई है.
माइक्रोमैक्स का कहना था कि सिर्फ उसके पास केनोजेन कस्टम ऐंड्रॉयड सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने का अधिकार है. देश में कोई दूसरी कंपनी इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल नहीं कर सकती और जो ऐसा करेगी उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. इसके आधार पर 'वन प्लस वन' की भारत में बिक्री पर अदालत ने रोक लगा दी थी.
लेकिन अब 'वन प्लस वन' के जवाब के बाद अदालत ने यह रोक हटा दी है लेकिन एक सिंगल बेंच से माइक्रोमैक्स की याचिका सुनने को कहा है. अदालत ने यह भी कहा है कि जहां माइक्रोमैक्स का फोन 8,000 रुपए का है वहीं वन प्लस वन का एक फोन 22,000 रुपए का और ऐसे में दोनों में तुलना नहीं हो सकती. अब 'वन वन प्लस वन' को अदालत में जवाब देना है.