एक सर्वे से पता चला है कि ऑनलाइन रिटेलरों के जरिये बेचे जाने वाले मोबाइल फोन कोई खास सस्ते नहीं होते और अगर ग्राहक कोशिश करे तो उसे दुकानों पर और सस्ते मिल सकते हैं. यह बात एक सर्वे से सामने आई है जिसे रिसर्च साइट 91mobiles.com ने करवाया था.
यह सर्वे 6 अक्टूबर को शुरू हुआ था और इसमें 30 लोकप्रिय स्मार्टफोन की कीमतों की तुलना की गई थी. इसमें ऑनलाइन रिटेलरों ऐमेजॉन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील को शामिल किया गया था. इनकी कीमतों को छोटे-बड़े मोबाइल विक्रेताओं की कीमतों से तुलना की गई. दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र को इसके लिए चुना गया था.
सर्वे से पता चला कि ये कीमतें दरअसल उतनी कम भी नहीं हैं जितनी दिखती हैं. यह सच है कि कीमतें वहां कम हैं लेकिन मोबाइल फोन की दुकानों में भी कीमतें कोई ज्यादा नहीं हैं. कुछ मामलों में तो कीमतें काफी कम हैं. सर्वे में इसके लिए सैमसंग गैलेक्सी नोट3 का उदाहरण दिया गया है. दुकानों में इसकी अधिकतम खुदरा कीमत 35,000 रुपये है जबकि स्नैपडील पर यह 36,441 रुपये में मिल रहा है. इसका वास्तविक मूल्य 49,900 रुपये है. इसी तरह सोनी एक्सपीरिया z2 का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) 49,900 रुपये है, कई दुकानों पर 31,000 रुपये में मिल रहा है जबकि फ्लिपकार्ट पर यह 37,599 रुपये में मिल रहा है. यह बात कई अन्य ब्रांडों के फोन के साथ लागू है.
इस सर्वे में उन मोबाइल फोन को नहीं मिलाया गया था जो सिर्फ ऑनलाइन मिलते हैं जैसे मोटोरोला या शियाओमी. इस सर्वे के रिपोर्ट का समर्थन करते हुए ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन के महासचिव धीरज मलिक ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि ऑनलाइन रिटेलर बढ़िया ऑफर देते हैं लेकिन यह बात हमेशा लागू नहीं होती. ऑनलाइन रिटेलरों की बिक्री लागत कम होती है इसलिए वे सस्ता बेच सकते हैं लेकिन कई दुकानदार भी उनसे सस्ते हैंडसेट बेचते हैं.