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TikTok स्पाईवेयर जैसा है, न करें इसे डाउनलोड – रेडिट सीईओ

Tik Tok भारत में काफी पॉपुलर है, लेकिन इसे आखिर स्पाईवेयर क्यों कहा जा रहा है? रेडिट के सीईओ ने ये बातें कही हैं.

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Tik Tok पैरासाइड जैसा - रेडिट सीईओ
Tik Tok पैरासाइड जैसा - रेडिट सीईओ

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Tik Tok को लेकर भारत में कई बार बवाल हो चुके हैं. कुछ समय के लिए इस चीनी ऐप को भारत में बैन भी किया गया था. गूगल प्ले स्टोर से भी हटाया गया, लेकिन फिलहाल अब ये ऐप ठीक से चल रहा है.

अमेरिकी सोशल डिस्कशन वेबसाइट Reditt के को-फाउंडर और सीईओ स्टीव हफमैन ने TikTok ऐप को पैरासाइट जैसा बताया है. टेक क्रंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक टिक टॉक को स्पाई वेयर तक कह दिया है. Spyware यानी वैसे ऐप्स जो लोगों की जासूसी करते हैं.

Reditt CEO Steve Huffman ने Tik Tok के बारे में कहा है, 'मुझे ये ऐप पैरासाइट जैसा लगता है जो हमेशा आपको सुनता है और जो फिंगरप्रिंटिंग टेक्नॉलजी वो यूज करते हैं तो वो डराने वाला है. मैं इस तरह के ऐप को अपने फोन में इंस्टॉल नहीं कर सकता हूं'

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रेडिट के सीईओ ने कहा कि जब भी लोक Tik Tok के बारे में बातें करते हैं वो उनसे इस स्पाईवेयर को अपने फोन में इंस्टॉल करने से मना कर देते हैं. इस ऐप का कॉन्ट्रोवर्सी से रिश्ता नया नहीं है. इस ऐप को लेकर समय समय पर सवाल उठते रहे हैं.

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Tik Tok भारत में दसरे देशों के मुकाबले ज्यादा पॉपुलर है. गौरतलब है कि दुनिया भर में TikTok ऐप को 104.7 मिलियन बार डाउनलोड किया जा चुका है. भारत की करें तो पूरे डाउनलोड का 34.1% सिर्फ भारत में डाउनलोड किया गया है.

चीनी कंपनी Bytedance का ये ऐप है और ये अब फेसबुक जैसे दिग्गज सोशल मीडिया को टक्कर देने की राह पर है. सेंसर टावर की एक रिपोर्ट के मुकाबिक पिछले साल फेसबुक ऐप से भी ज्यादा बार इसे दुनिया भर में डाउनलोड किया गया है.

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