कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की दुनिया में सिमौर माइक्रोसॉफ्ट बीते कुछ वर्षों से विंडोज समार्टफोन के बाजार में अग्रणी ब्रांड है. स्मार्टफोन बाजार में एंड्रॉयड फोन का बोलबाला है, लेकिन धीरे-धीरे विंडोज फोन की मांग भी बढ़ी है. यह दिलचस्प है कि माइक्रोसॉफ्ट मोबाइल की कहानी जहां से शुरू होती है, वहीं से कभी दुनिया के नंबर वन मोबाइलमेकर कंपनी नोकिया की कहानी करीब-करीब खत्म होती है.
मोबाइल फोन की दुनिया में अप्रैल 2014 में एक बड़ी घटना घटी, जिससे कई मोबाइल प्रेमियों को भी गहरा धक्का पहुंचा. यह घटना थी माइक्रोसॉफ्ट द्वारा नोकिया के अधिग्रहण की. सैमसंग और एप्पल से बुरी तरह पिट चुकी नोकिया ने अपना मोबाइल बिजनेस, डिवाइसेस, सर्विसेस और पेटेंट्स को सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट को करीब 48 हजार करोड़ रुपये में बेच दिए.
नोकिया-माइक्रोसॉफट की डील के तहत माइक्रोसॉफ्ट ने 10 वर्षों के लिए नोकिया ब्रांड नाम के इस्तेमाल के लाइसेंस भी खरीद लिए. साल 2015 तक माइक्रोसॉफ्ट नोकिया नाम कोई भी मोबाइल फोन नहीं बनाएगी. हालांकि इस डील के बाद भी बची हुई कंपनी को अपना नाम नोकिया बनाए रखने का अधिकार दिया गया. मोबाइल की दुनिया में यह बड़ा बदलाव एक दिन में नहीं हुआ. कह सकते हैं कि समय के साथ नहीं चल पाने के कारण 'नोकिया' इस रेस से फिलहाल बाहर हो गई.
आइए जानते हैं कैसे बदला समय और कैसे हुआ माइक्रोसॉफ्ट मोबाइल का जन्म-
1) माइक्रोसॉफ्ट मोबाइल का हेडक्वार्टर फिनलैंड में है.
2) अप्रैल 2014 में नोकिया डिवाइस और सर्विसेज डिविजन के अधिग्रहण के बाद मोइक्रोसॉफ्ट मोबाइल का जन्म हुआ.
3) माइक्रोसॉफ्ट के पास कुछ फीचर फोन के लिए नोकिया ब्रांड नेम के इस्तेमाल का लाइसेंस है.
4) माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज स्मार्टफोन बाजार में लूमिया के नाम से मौजूद हैं. नोकिया भी इसी नाम से फोन बनाया करती थी.
5) लूमिया स्मार्टफोन में नोकिया की बजाय माइक्रोसॉफ्ट के नाम के इस्तेमाल की घोषणा अक्टूबर 2014 में की गई.
6) मोबाइल की दुनिया में माइक्रोसॉफ्ट का यह दूसरा प्रयास है. इससे पहले 2010 में कंपनी Kin के नाम से एक नाकामयाब कोशिश कर चुकी है.
7) सबसे पहले 2011 में मोइक्रोसॉफ्ट के सीईओ स्टीव बाल्मर ने यह घोषणा की कि कंपनी ने नोकिया मोबाइल के साथ विंडोज फोन को लेकर करार किया है.
8) नोकिया ने अक्टूबर 2011 में Lumia 800 और Lumia 710 के नाम से पहली बार दो विंडोज 7 बेस्ड स्मार्टफोन लॉन्च किया.
9) इस घोषणा के ठीक बाद नोकिया के शेयर 14 फीसदी तक लुढ़क गए. यही नहीं, इससे पहले Symbian प्लेटफॉर्म पर बेस्ड नोकिया स्मार्टफोन का बाजार भी गिर गया.
आगे पढ़ें, कैसे नंबर-1 से 10 पर पहुंच गई नोकिया... {mospagebreak}10) स्मार्टफोन बाजार में बिक्री के मामले में जो नोकिया कंपनी 2011 में नंबर-1 पर थी, वह 2013 तक 10वें नंबर पर आ गई.
11) बाजार में एंड्रॉयड और एप्पल iOS के मुकाबले बेहतर की कोशिश में कंपनी ने विंडोज फोन को लेकर करार किया, लेकिन यह पैर पर कुल्हाड़ी मारने के बराबर साबित हुआ.
12) कंपनी के शेयर्स गिरने लगे. बाजार में विंडोज फोन की पकड़ नहीं के बराबर रही. हालांकि भारत और ब्राजील में कंपनी को अच्छा रेस्पॉन्स मिला, लेकिन यह सफलता की गारंटी जैसा नहीं था.
13) साल 2012 के Q2 में जहां एक ओर 26 मिलियन आईफोन और 105 मिलियन एंड्रॉयड फोन बिके, वहीं नोकिया महज 6.8 मिलियन Symbian और 5.4 मिलियन विंडोज फोन ही बेच सकी.
14) घाटे से गुजर रही कंपनी ने छंटनी शुरू की और 2013 तक इसने अपने 24,500 कर्मचारियों को निकाल दिया.
15) कंपनी से इसके निवेशक नाराज चलने लगे और नौबत यहां तक आ गई कि दिसंबर 2012 में कंपनी ने अपने हेडक्वार्टर नोकिया हाउस 170 मिलियन यूरो यानी करीब 12 अरब रुपये को बेचने की घोषणा की.
16) बाजार में अपनी पकड़ खोते देख कंपनी ने मई 2013 में Asha सीरीज स्मार्टफोन को बाजार में उतारा. विंडोज फोन के तौर पर मिडरेंज फोन ने बाजार में दस्तक दी.
17) कंपनी के इन दोनों प्रयास को बाजार में अच्छा रेस्पॉन्स मिला. Lumia 520 की बिक्री ने कंपनी को उत्साहित किया, यह कंपनी को उबार पाने की स्थिति में नहीं था.
18) गहरे संकट से जूझ रहे नोकिया को लेकर माइक्रासॉफ्ट ने सितंबर 2013 में बड़ी घोषणा की. कंपनी ने कहा कि वह 3.79 बिलियन यूरो में नोकिया के मोबाइल डिवाइस बिजनेस का अधिग्रहण करने जा रही है.
19) इसके अलावा 1.65 बिलियन यूरो में कंपनी अगले 10 साल के लिए नोकिया के सारे पेटेंट्स का लाइसेंस भी ले रही है.
20) इस तरह माइक्रोसॉफ्ट ने नोकिया से Asha, Lumia जैसे ब्रांड और नोकिया के नाम को लेकर लाइसेंस का अधिकार खरीद लिया.
21) डील के तहत नोकिया के कई कर्मचारी और अधिकारी भी माइक्रोसॉफ्ट के अधीन हो गए.
22) अधिग्रहण के बाद भी माइक्रोसॉफ्ट ने कई Lumia 830 और Lumia 735 जैसे कई फोन लॉन्च किए, जिस पर नोकिया का ब्रांड नेम था.
23) सितंबर 2014 में एक खबर यह भी आई कि माइक्रोसॉफ्ट नोकिया नाम का इस्तेमाल के लिए लाइसेंस की तैयारी में है. यानी ऐसे में मोबाइल पर नोकिया बाय माइक्रोसॉफ्ट की को-ब्रांडिंग होती.
24) हालांकि, समझा जाता है कि को-ब्रांडिंग का मसला अब ठंडे बस्ते में है.
25) बहरहाल, बाजार में अब Lumia मोबाइल फोन पूरी तरह माइक्रोसॉफ्ट Lumia के नाम से आ रहे हैं. कंपनी के सोशल पेज से लेकर अंरदखाते हर डिपार्टमेंट को नोकिया की जगह माइक्रोसॉफ्ट के नाम पर रीब्रांड किया गया है.
नई शुरुआत की ओर माइक्रोसॉफ्ट...{mospagebreak}26) विंडोज फोन को लेकर लोगों में उदासीनता का एक बड़ा कारण इसका App वर्ल्ड है. यह एंड्रॉयड के मुकाबले काफी कमजोर है.
27) सितंबर 2014 में अपनी इस कमी को सुधारने के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने एक बड़ी घोषण की है.
28) कंपनी का कहना है कि windows 10 पर आधारित उसके फोन कॉमन प्लेटफॉर्म पर होंगे. यानी जो App कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट के लिए होंगे, कमोबेश वही स्मार्टफोन के लिए भी.
29) जाहिर तौर पर अगर कंपनी ऐसा कर पाती है तो विंडोज स्मार्टफोन की मांग बढ़ेगी क्योंकि यह सीधे तौर पर आपके लैपटॉप और कंप्यूटर को आपकी जेब में ला देगा.
30) इस बीच मिडरेंज स्मार्टफोन बाजार में विंडोज फोन की मांग भी बढ़ी है. Microsoft Lumia 430 Dual SIM, Microsoft Lumia 532, Microsoft Lumia 435, Microsoft Lumia 640, Microsoft Lumia 640 XL, और Microsoft Lumia 540 Dual SIM कुछ ऐसे मॉडल हैं, जिन्हें बाजार में पहचान मिली है.
31) साल 2015 के Q2 में मिडरेंज स्मार्टफोन की बदौलत माइक्रोसॉफ्ट ने 10.5 मिलियन स्मार्टफोन बेचे हैं, जबकि ठीक एक साल पहले इसी समय यह आंकड़ा 8.2 मिलियन था.
32) कंपनी का पूरा दांव अब विंडोज 10 बेस्ड लूमिया फोन पर है. हालांकि जून 2015 में कंपनी ने नए नोकिया सीरीज Nokia 105 और 105 डुअल की घोषणा की है. ये दोनों फोन ट्रैवलिंग यूजर्स और पहली बार फोन खरीद रहे यूजर्स को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.
खत्म नहीं हुआ नोकिया
ऐसा नहीं है कि इस डील से नोकिया पूरी तरह से खत्म हो गया, क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट ने केवल नोकिया के फोन डिविजन को खरीदा है. इसमें फीचर फोन बनाने वाली टीम भी शामिल है. माइक्रोसॉफ्ट ने नोकिया के उन डिविजन्स को नहीं खरीदा है जो नेटवर्क इक्यूपमेंट बिजनेस और मैप्स सर्विस देखते हैं.