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Tik Tok: ‘गरीब और बदसूरत’ लोगों के वीडियो को रोकने की गाइडलाइन

Tik Tok एक बार फिर से विवादों में है. इस बार डेटा कलेक्शन नहीं, बल्कि भेदभावपूर्ण अपनी गाइडलाइन को लेकर सवालों के घेरे में है.

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Representational Image
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चीनी वीडियो ऐप Tik Tok भारत में काफी पॉपुलर है. कुछ समय के लिए भारत में इस ऐप को बैन भी किया गया था, लेकिन बाद में कंपनी ने पॉलिसी बदलने की बात मानी और फिर से इसे वापस भारत में इजाजत दी गई.

The Intercept की एक रिपोर्ट के मुताबिक टिक टॉक ने अपने मॉडरेटर्स को कहा था कि बदसूरत दिखने वाले लोगों के वीडियो को ऐप पर डालने से रोका जाए. इतना ही नहीं झुग्गियों में रहने वाले और गरीबों के वीडियो को भी रोकने की पॉलिसी टिक टॉक के पास थी.

रिपोर्ट के मुताबिक Tik Tok की भेदभावपूर्ण गाइडलाइन का कुछ हिस्सा लीक हुआ था. यहां से बात भी सामने आई है कि दिव्यांग और LGBT के पोस्ट को भी रोकने की पॉलिसी टिक टॉक के पास है.

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The Intercept की रिपोर्ट में कहा गया है कि टिक टॉक ने ऐबनॉर्मल बॉडी शेप, मोटापा, अलग दिखने वाले लोग और ज्यादा रिंकल फेस वाले लोगों के वीडियोज को बैन किया जाता था.

इस रिपोर्ट में हैरान करने वाली बात ये भी है कि टिक टॉक की गाइडलाइन में यहां तक था कि गरीब दिखने वाले लोगों के वीडियो को प्लेटफॉर्म से बैन कर दिया जाए. इस लीक्ड टिक टॉक गाइडलाइन के मुताबिक घर की टूटी हुई वॉल या पुराने डेकोरेशन वाले घर में बनाए गए वीडियो को सप्रेस किया जाएगा.

अब इस रिपोर्ट के बाद टिक टॉक का बयान भी आया है. टिक टॉक के एक प्रवक्ता ने The Intercept को बताया है, 'इस तरह की पॉलिसी एक समय में टिक टॉक पर थी, लेकिन ये गाइडलाइन बुलिंग से बचाने के लिए थी, जो अब इस्तेमाल में नहीं है'

Tik Tok की तरफ से ये भी कहा गया है कि ये गाइडलाइन अमेरिकी मार्केट के लिए नहीं थे, बल्कि रिजनल थे. भारत में ऐसा है या नहीं ये साफ नहीं है. डेटा कलेक्शन और अश्लील कॉन्टेंट को लेकर टिक टॉक पहले भी सवालों के घेरे में रहा है.

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