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Google सहित सभी बड़ी चिपसेट कंपनियों ने Huawei से तोड़े रिश्ते

Huawei के सितारे गर्दिश में हैं. अमेरिका ने इस कंपनी के साथ अपने रिश्ते खत्म कर लिए हैं, और प्रेसिडेंट ट्रंप के आदेश के बाद गूगल और दूसरी अमेरिकी टेक कंपनियों ने भी अगले नोटिस तक हुआवे के साथ काम करना बंद कर दिया है.

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Representational Image
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चीनी टेक कंपनी Huawei पर संकट गहराता जा रहा है. अमेरिकी ट्रंप सरकार के आदेश के बाद गूगल ने हुआवे के स्मार्टफोन से Android का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है. इतना ही नहीं, माइक्रोसॉफ्ट ने अपने स्टोर्स से हुआवे के लैपटॉप्स हटा लिए हैं. ताजा खबर ये है कि ब्रिटेन में वोडाफोन न Huawei के 5G स्मार्टफोन्स के लिए प्री बुकिंग को भी सस्पेंड कर दिया है.

बात यहीं खत्म नहीं हुई है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन की चिप मेकर ARM ने भी चीनी कंपनी हुआवे के साथ अपना बिजनेस सस्पेंड करने की तैयारी कर ली है. ऐसा अमेरिकी रेग्यूलेशन को फॉलो करते हुए किया जा रहा है. आपको बता दें कि ARM दुनिया की सबसे बड़ी चिप डिजाइनर्स में से है.

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक चिप मेकर्स इंटेल, क्वॉल्कॉम और ब्रॉडकॉम जैसी दुनिया की बड़ी चिपसेट कंपनियों ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वो अगले नोटिस तक हुआवे को कई भी सप्लाई नहीं देंगे.

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शुक्रवार को अमेरिकी ट्रंप सरकार ने हुआवे को ब्लैकलिस्ट करने का आदेश दिया है. आरोप ये लगाया गया है कि ये चीनी कंपनी चीन की सरकार के जासूस के तौर पर काम कर रही है और चीनी सराकर के लिए स्पाई कर रही है.

आपको बता दें कि इस समय हुआवे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनी बन गई है. लेकिन अब गूगल और चिपसेट कंपनियों द्वारा दरकिनार करने के बाद कंपनी के पास कई मुश्किलें हैं. अब कंपनी को अपने स्मार्टफोन में देने के लिए बना एंड्रॉयड वाला मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार करना होगा.

स्मार्टफोन्स के अलावा हुआवे को 5G डिप्लॉएमेंट में भी बड़ा नुकसान हो सकता है. क्योंकि 5G के लिए कंपनी ने बड़े पैमाने पर तैयारी की है और ज्यादातर 5G के ज्यादा इक्विप्मेंट्स अमेरिकी कंपनियां ही सप्लाई करती हैं.

कुल मिला कर अभी तक के लिए मुद्दा ये है कि लाखों करोड़ों हुआवे यूजर्स मुश्किल में होंगे. गूगल के ऐप्स नहीं चलेंगे और एंड्रॉयड का सपोर्ट भी बंद होने की संभावना है. हालांकि सिक्योरिटी अपडेट्स मिलते रहेंगे, गूगल ने ये साफ कर दिया है. लेकिन गूगल ऐप्स का सपोर्ट न मिलना किसी एंड्रॉयड स्मार्टफोन के लिए बड़ी बात होगी.

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