गूगल पिक्सल लॉन्च होने के बाद यह साफ हो गया है कि अब अगला दौर स्मार्टफोन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है. वैसे तो पहले भी गूगल और ऐपल स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यूज करते आए हैं. ऐपल के पास सीरी है तो गूगल के पास गूगल नाउ. लेकिन गूगल पिक्सल ऐसा पहला स्मार्टफोन है जिसमें इन बिल्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड गूगल ऐसिस्टेंट दिया गया है. यह गूगल नाउ, सीरी और माइक्रोसॉफ्ट के कोर्टैना से काफी बेहतर है.
बेहतर यानी गूगल ऐसिस्टेंट आपके सवालों के जवाब सटीक देता है और आपके कई महत्वपूर्ण काम चंद सेकंड्स में कर देता है. चाहे मीटिंग फिक्स करनी हो या फिर टिकट बुक कराना हो इससे बोलकर आप ये काम आसानी से कर सकते हैं. हालांकि इसकी बंदिशें भी हैं, लेकिन फिर इसके फीचर्स लाजवाब हैं.
गूगल, ऐपल और माइक्रोसॉफ्ट के बाद अब दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन मेकर सैमसंग भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपने स्मार्टफोन्स में आजमाने की तौयारी में है. इसके लिए कंपनी ने एक मशहूर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी का अधिग्रहण भी कर लिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी अपने अगले फ्लैगशिप यानी Galaxy S8 में इन बिल्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस देने जा रही है.
सैमसंग ने कहा है कि अगले स्मार्टफोन के लिए एक खास डिजिटल ऐसिस्टेंट लॉन्च किया जाएगा जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड होगा. जाहिर है Galaxy Note 7 की ट्रैजिडी के बाद कंपनी अगले स्मार्टफोन को नंबर-1 बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है.
ऐपल के डिजिटस ऐसिस्टेंट सीरी को बनाने वाली कंपनी Viv Labs को सैमसंग ने खरीद लिया है और अब यह सैमसंग के लिए डिजिटल ऐसिस्टेंट बनाएगी. चूंकि सैमसंग कई चीजें बनाती है, इसलिए इसका डिजिटल ऐसिस्टेंट इसके दूसरे प्रोडक्ट्स में भी देखने को मिल सकता है.
हालाकिं सैमसंग ने अभी यह साफ नहीं किया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए Galaxy S8 में किस तरह की सर्विस देगी. बताया जा रहा है कि यह ऐसिस्टेंट कस्टमर्स को थर्ड पार्टी सर्विसेज यूज करने में मदद करेगा.
क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इंटिलेंज का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि हाल ही में गूगल के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने दुनिया के नंबर- GO प्लेयर को इसकी गेम में मात दे दी. यानी यह काफी समझदार होता है और इसमें इंसानों की तरह ही सीखने की काबिलियत होती है.
साधारण शब्दों में कहें तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर साइंस का एक ब्रांच है जिसे इंटेलिजेंट मशीन बनाने के लिए किया जाता है. इसके तहत मशीन को ऐसा बना दिया जाता है कि वो इंसानों की तरह काम और रिएक्ट कर सके.
डीप लर्निंग के जरिए यह इंसानों की तरह सीखता है
गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियां इन दिनों बढ़ चढ़ कर डीप लर्निंग टेक्नॉलोजी का यूज कर रही हैं. सॉफ्टवेयर के जरिए क्लाउड से यूजर्स की आवाज और चेहरा पहचानने का काम करती है. इसके अलावा क्वॉल्कॉम ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट लॉन्च किया है जो डीप लर्निंग को क्लाउड से स्मार्टफोन में भेजती है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ही है स्मार्टफोन का भविष्य
गूगल, ऐपल, माइक्रोसॉफ्ट के बाद अब सैमसंग अपने स्मार्टफोन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड डिजिटल ऐसिस्टेंट देने की तैयारी में है. इससे साफ है कि अब धीरे धीरे यह हाई एंड स्मार्टफोन की जरूरत बन जाएगा और इनके यूजर्स के लिए भी. इन कंपनियों के अलावा आने वाले सालों में दूसरी कंपनियां जैसे शाओमी, लेनोवो, लईको और वन प्लस भी ऐसे ऐसिस्टेंट ला सकती हैं.