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क्या है सिम स्वैप फ्रॉड, न करें इन कॉल्स पर भरोसा

यूजर जैसे ही 1 प्रेस करता है नेटवर्क खत्म हो जाता है और सेकंड भर में अकाउंट से पैसे निकाल लिए जाते हैं और खबर भी नहीं होती कि उनका फोन हैक हो गया है.

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Representational Image
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मोबाइल और इंटरनेट फ्रॉड का दौर है और ऑनलाइन ठगी तेजी से हो रही है. अनजान नंबर से कॉल आने पर आपको सावधान रहने की जरूरत है. खास कर तब जब आपसे आपकी जानकारी मांगी जाए. हैकर्स आज कल सिम स्वैप का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे आप बुरी तरह फंस सकते हैं.

अमेरिका में ऐसे फ्रॉड ज्यादा होते हैं, लेकिन अब यह भारत भी आ रहे हैं. अमेरिकी ट्रेड फेयर कमीशन के मुताबिक 2013 में सिम स्वैप के जरिए 1,038 चोरी रिपोर्ट की गई. हालांकि इसमे बढ़ोतरी हुई है जनवरी 2016 तक यह 2,658 हो गई.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक मई में हैदराबाद पुलिस को एक शिकायत मिली जिसमें एक शख्स ने कहा कि उसे मोबाइल प्रोवाइडर की तरफ से एक मैसेज मिल है और अच्छे मोबाइल नेटवर्क के लिए सेटिंग्स चेंज करने के लिए कहा गया. शिकायतकर्ता ने मोबाइल में 1 दबाया सेकंड भर में उसके फोन का महत्वपूर्ण डेटा जिनमें उसका बैंक अकाउंट नंबर और नंबर शामिल थे हैक हो गए. इसके बाद ही झटके से उसके अकाउंट के सारे पैसे निकाल लिए गए.

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साइबर क्राइम पुलिस ने अंग्रेजी अखबार को बताया कि ऐसे कॉल करके कस्टमर को बताया जाता है कि कस्टमर केयर की तरफ से है और यूजर को कहा जाता है कि नेटवर्क में प्रॉब्लम है और थोड़ी ही देर में दूसरी कॉल आती है जहां यूजर से 1 दबाने को कहा जाता है.

पुलिस का कहना है, ‘यूजर जैसे ही 1 प्रेस करता है नेटवर्क खत्म हो जाता है और सेकंड भर में अकाउंट से पैसे निकाल लिए जाते हैं और खबर भी नहीं होती कि उनका फोन हैक हो गया है. दूसरा तरीका सिम स्वैप का है जो आधार वेरिफिकेशन के नाम पर आता है. ओटीपी की मांग की जाए तो आप कभी भी न दें’

अंग्रेजी अखबरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने कहा कि एक यूजर 10 डिजिट के नंबर से कॉल आता है कॉलर कहता है कि वो एयरटेल की तरफ से है. उधर से कहा गया कि 3G नेटवर्क के बदले उन्हें Airtel 4G  सिम लगाना है और इसके लिए सिम स्वैप यानी बदलना होगा. लेकिन वो शख्स वोडाफोन का सिम यूज कर रहा था.

क्या है ये सिम कार्ड स्वैप

सिम कार्ड में यूजर डेटा स्टोर्ड होता है और ये यूजर को ऑथेन्टिकेट करते हैं इसलिए बना सिम के आप किसी नेटवर्क से कनेक्ट नहीं हो सकते. सिम स्वैप फ्रॉड में सिम का इस्तेमाल होता है और इसके लिए इसकी सबसे बड़ी कमजोरी प्लेटफॉर्म एग्नोस्टिसिज्म को निशाना बनाया जाता है.

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सिक्योरिटी रिसर्चर एंड्र्यू के मुताबिक ये एक तरीका है जिसके तहत अटैकर टार्गेट फोन के कम्यूनिकेशन में सेंध लगाता है. 

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