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दुकानदार और ठेले वाले भी बेचेंगे सस्ता वाईफाई डेटा: C-DoT

आने वाले समय में आप अपने आस पास के किराना स्टोर या किसी रेहड़ी लगाने वाले  से वाईफाई डेटा खरीद सकते हैं. 10 रुपये से कम में भी डेटा मिलेगा और आप इंटरनेट चला सकेंगे.

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ठेले पर मिलेगा वाईफाई
ठेले पर मिलेगा वाईफाई

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भले ही अभी देश में Public WiFi अभी के लिए दूर की कौड़ी है, लेकिन जल्द ही किराना स्टोर से WiFi डेटा खरीद सकते हैं. इतना ही नहीं कोई ठेला वाला अगर आपको सस्ते में WiFi डेटा बेचे तो भी हैरानी नहीं होगी.

C-DoT के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर विपिन त्यागी ने आजतक डॉट इन से बातचीत में बताया है, 'इसकी शुरुआत मेरठ से की जाएगी और इसके तहत किसी भी ठेले पर इक्विपमेंट लगा कर आस पास वाईफाई सर्विस दी जा सकती है'.

उन्होंने कहा है कि ठेले के अलावा इस डिवाइस को छोटे दुकानदार और किराना स्टोर में भी रखा जाएगा. वाईफाई यूज करने के लिए ठेले या फिर किराना स्टोर के पास जाना होगा और किसी भी वाईफाई इनेबल डिवाइस में यूजर इंटरनेट यूज कर सकता है. इसके लिए उन्हें वाउचर खरीदना होगा जिसकी कीमत 10 रुपये या इससे कम से शुरू होगी.

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सेंटर फॉर डेवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DoT) ने मास मार्केट पब्लिक डेटा ऑफिस टेक सॉल्यूशन डेवेलप किया है जिसके तहत 50,000 रुपये के अंदर सस्ते वाईफाई सॉल्यूशन प्रोवाइड करने का प्लान है. ये सॉल्यूशन दुकानदारों के लिए होंगे जो वाईफाई बेचेंगे.

पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO)एक डिवाइस डिजाइन की गई है जो कोई भी किराना शॉप इस डिवाइस के जरिए 10 रुपये में भी वाईफाई डेटा वाउचर दे सकते हैं.

यह सर्विस लाइसेंस फ्री इंडस्ट्रियल साइंटिफिक एंड मेडिकल बैंड के तहत मुहैया कराई जाएगी. शुक्रवार को सरकारी टेलीकॉम रिसर्च और डेवलपमेंट सेंटर C-DoTपब्लिक डेटा ऑफिस सॉल्यूशन की शुरुआत करेगी.

इस टेक सॉल्यूशन पैक में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर शामिल होंगे जिसके जरिए e-KYC के साथ वाईफाई ऐक्सेस प्वॉइंट लगाए जाएंगे. इसके अलावा वाउचर मैनेजमेंट सिस्टम के लिए और ऑथेन्टिकेशन के लिए OTP जैसे मैकेनिज्म इस टेक सॉल्यूशन पैक में सम्मिलित रहेंगे.

C-DoT जल्द की PDO टेक्नॉलॉजी 20 पार्टनर्स को देगा जिसमें HFCL और BHEL जैसी कंपनियां शामिल हैं. C-DoT के मुताबिक सेमी अर्बन या रूरल एरिया में छोटे दुकानदार भी 2.24GHz और 5.8GHz फ्री टू यूज फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल करके डेटा प्रोवाइड करा सकते हैं. इसके लिए उन्हें रेग्यूलेशन और रेस्ट्रिक्शन के प्रोसेस से नहीं गुजरना होगा.

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