WhatsApp द्वारा भारत में पेमेंट फीचर को लाने की तैयारी काफी समय से चल रही है. हालांकि अभी तक कुछ भी फाइनल नहीं हो सका है. भारत के डेटा लोकलाइजेशन नियम के चलते फेसबुक के स्वामित्व वाले सोशल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप को देश में पेमेंट फीचर को लाने में देरी हो रही है. हालांकि इन सब परेशानियों के बावजूद, फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग कई देशों में वॉट्सऐप पेमेंट फीचर के विस्तार को लेकर आशावादी हैं. फिलहाल लॉन्च से पहले इस फीचर को वॉट्सऐप पे के नाम से जाना जा रहा है और इसे भारत के बाहर अगले 6 महीनों में लॉन्च कर दिया जाएगा.
मार्क जकरबर्ग ने गुरुवार को कंपनी के अर्निंग कॉल के दौरान कहा, 'मैं वास्तव में इस बारे में उत्साहित हूं और मैं उम्मीद करता हूं कि ये कई देशों में शुरू हो सकता है और अगले छह महीनों में इसे लेकर काफी काम करेंगे.'
भारत में पायलट प्रोग्राम में हिस्सा लेने वाले दस लाख यूजर्स की प्रतिक्रिया फेसबुक के लिए अन्य बाजारों में वॉट्सऐप पे पेश करने के लिए निर्णायक रही है. जकरबर्ग ने कहा कि जिस तरह से पायलट प्रोग्राम में काफी लोगों ने हफ्ते दर हफ्ते इसे इस्तेमाल किया है. इससे इस सेवा का भविष्य मजबूत नजर आता है. हालांकि सीईओ ने ये साफ नहीं किया है कि किन बाजारों में इस फीचर को उतारा जाएगा.
फिलहाल भारत में वॉट्सऐप पे की लॉन्चिंग को लेकर मार्क जकरबर्ग ने कुछ साफ नहीं कहा है. लेकिन चूंकि कंपनी अगले 6 महीनों में पेमेंट फीचर को विस्तार देने की तैयारी कर रही है, तो भारत में भी इसकी लॉन्चिंग को लेकर कुछ संभावना जताई जा सकती है. क्योंकि पिछले साल जुलाई में जब WhatsApp के ग्लोबल हेड Will Cathcart दिल्ली आए थे तब उन्होंने कहा था कि हम भारत में पेमेंट फीचर की शुरुआत जल्द ही करने वाले हैं.
इस कार्यक्रम में नीति आयोग के चेयरमैन अमिताभ कांत भी मौजूद थे और उन्होंने कहा था कि, हम WhatsApp Pay का भारत में स्वागत करते हैं. कंपनी काफी समय से भारत में रेग्यूलेशन के साथ जूझ रही है, लेकिन भारत में कंपनी के सबसे ज्यादा यूजर्स हैं और उन्हें यहां WhatsApp Pay शुरू करना चाहिए. लोग इसे यूज करेंगे.
बहरहाल अलग-अलग बाजारों में इस फीचर को भारत की ही तरह शुरुआती परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. फिलहाल वॉट्सऐप को UPI बेस्ड पेमेंट फीचर लाने के लिए सरकार की तरफ से हरी झंडी नहीं मिल पाई है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि फेसबुक की पेमेंट सर्विस देश में फ्रेम किए गए नए डेटा लोकलाइजेशन नॉर्म्स को फॉलो नहीं करती है. नए नियम के मुताबिक विदेशी कंपनियों को उनके यूजर्स का डेटा भारत में इंस्टॉल किए गए सर्वर्स में स्टोर करना अनिवार्य है. इसमें किसी भी सर्विस का किसी भी तरह का डेटा शामिल है. वहीं पेमेंट सर्विस के लिए यूजर्स के बैंक अकाउंट डिटेल्स की जरूरत पड़ेगी.
वॉट्सऐप पे यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस पर बेस्ड है, जिसे आमतौर पर UPI नाम से जाना जाता है. ये नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा मैनेज होता है. RBI द्वारा NPCI को व्हाट्सएप को पेमेंट फीचर को चालू करने से रोकने के लिए निर्देशित किया गया है.