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Nothing Phone 1 Review: ओवरऑल एक बेहतरीन पैकेज, क्या खुद को साबित कर पाएगा ये ब्रांड?

Nothing Phone 1 Review: उम्मीद है अब तक आपने Nothing Phone 1 के बारे में काफी कुछ सुन रखा होगा. ब्रांड की तरफ से पहला फोन के तौर पर Nothing Phone 1 पेश किया गया था. मैंने इस फोन को लगभग दो हफ्तों तक यूज किया है और इस आधार पर आपको बताते हैं कि ये फोन खरीदने लायक है या नहीं.

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Nothing Phone 1/ Photo: Munzir
Nothing Phone 1/ Photo: Munzir

OnePlus के को-फाउंडर Carl Pei एक दिलचस्प शख़्स रहे हैं. टेक्नोलॉजी को लेकर उनकी अप्रोच पहले से ही काफ़ी अलग और इनोवेटिव रही है. उन्होंने OnePlus छोड़ कर Nothing नाम की एक कंपनी तैयार की और इस कंपनी का दूसरा प्रोडक्ट और पहला स्मार्टफोन Nothing Phone 1 है.

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वैसे तो ये स्मार्टफ़ोन भारत में लॉन्च दो महीने पहले हो चुका है, लेकिन मैं इसका रिव्यू अभी ला रहा हूँ. वजह ये है कि ये कंपनी का पहला फ़ोन है और तुरंत रिव्यू करने से आपको सही जानकारी नहीं मिल पाती. इस फोन को लेकर काफी बज़ भी रहा, क्योंकि पहले इस तरह का स्मार्टफोन नहीं आया जिसकी रियर पैनल पर इस तरह का सेटअप हो.

शुरुआत में इस फ़ोन में कई दिक़्क़तें आ रही थीं, इसलिए हमने कई अपडेट का इंतज़ार किया ताकि देखा जाए कि वाक़ई इस फ़ोन में सॉफ़्टवेयर अपडेट की वजह से दिक़्क़त आ रही है या हार्डवेयर प्रॉब्लम है.

अब चूँकि फ़ोन को लॉन्च हुए दो महीने हो चुके हैं, इसलिए फ़ोन कितना स्टेबल है आपको इस रिव्यू से पता चल जाएगा. मैंने ये फ़ोन लगभग एक महीने तक यूज किया है और इस दौरान मुझे ये कैसा लगा? सारे पहलूओं पर बात करते हैं.

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Nothing Phone 1/ Photo: Munzir

Nothing Phone 1 के डिजाइन को लेकर काफी हाईप रहा. इसमें दो राय नहीं है कि कंपनी ने एक अलग अप्रोच के साथ अपना पहला स्मार्टफोन पेश किया है, लेकिन सिर्फ अलग होना ही किसी स्मार्टफोन को अच्छा नहीं बनाता है.

Nothing Phoen 1 का डिजाइन फ्रेश है, खास कर बैक पैनल दूसरे फोन से इसे अलग करता है. रियर पैनल पर दी गई लाइट स्ट्रिप को आप अलग अलग तरह से कस्टमाइज कर सकते हैं. हालांकि पीछे दी गई एलईडी लाइट्स का तब कोई मतलब नहीं रह जाता जब आप फोन में कवर लगा लेते हैं. भारत में ज्यादातर लोग फोन के साथ ही कवर लेते हैं और बिना कवर के फोन यूज नहीं करते.

Nothing Phone 1 के रियर पैनल पर दी गई लाइटिंग स्ट्रिप को फोन में दिए गए ब्लिंक कॉन्बिनेशन के साथ कस्टमाइज कर सकते हैं.  यहां आपको 20 ऑप्शन्स मिलते हैं जहां अलग अलग साउंड कॉम्बिनेशन है. इनमें से 10 Gyphs नोटिफिकेशन के लिए है, जबकि 10 रिंगटोन के लिए है.

कुल मिला कर बात ये है कि आप फ़ोन की रियर लाइटिंग को अलग अलग ऐप के नोटिफिकेशन के साथ भी कस्टमाइज़ कर सकते हैं. ये एक प्रैक्टिकल फ़ीचर है और इसे आप तब यूज करेंगे जब फ़ोन को बिना कवर के यूज कर रहे हैं.

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अगर किसी ख़ास कॉन्टेक्ट के लिए Glyph यूज करना है तो सेटिंग्स में ये भी ऑप्शन मिल जाएगा. इसके अलावा बैटरी के लिए भी बॉटम लाइट है जिससे आपको ये पता चलता है कि बैटरी कितनी चार्ज हो चुकी है.

मुझे रियर लाइट स्ट्रिप का सबसे बड़ा फ़ायदा यही लगा कि आप इसे कस्टमाइज़ करके फ़ालतू के डिस्ट्रैक्शन्स से बच सकते हैं. दिन भर में काफ़ी ग़ैरज़रूरी कॉल्स और मैसेज आते हैं और बार बार आपको फ़ोन उठाना पड़ता है. रियर लाइट स्ट्रिप को देख कर आप कम से कम ये अंदाज़ा लगा सकते हैं कि आपके लिए फ़ोन यूज करना इंपॉर्टेंट है या नहीं. क्योंकि आम तौर पर इंसान फ़ोन को 1 मिनट काम करने के लिए उठाता है और रील्स और सोशल मीडिया उसे ऐसा फँसा लेते हैं कि वो 1 मिनट के बजाए घटों तक फ़ोन यूज करता रहता है.

Glyph लाइट्स को आप अंधेरे में फ़िल लाइट के तौर पर भी यूज कर सकते हैं. यानी अंधेरे में आप ठीक ठाक फ़ोटोज़ या वीडियोज रिकॉर्ड कर सकते हैं.

हालाँकि आपने इस फ़ोन में ट्रांसपेरेंट कवर नहीं लगाया है तो रियर पैनल पर दी गई एलईडी लाइट्स का कोई ख़ास यूज भी नहीं रह जाता है.

ओवरऑल मुझे Glyph लाइट का कॉनसेप्ट अच्छा लगा और आगे इसमें संभावनाएँ काफ़ी हैं. आपको ये मार्केटिंग गिमिक लग सकता है इसमें कोई ग़लत बात नहीं है. क्योंकि कई लोग को ये फ़ीचर बस मार्केटिंग गिमिक लग रहा है.

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फ़्रंट डिज़ाइन लेटेस्ट iPhone की तरह ही लगता है और कई बार आप फ़्रंट देख कर आप थोड़ा कन्फ्यूज हो जाएँगे कि ये iPhone या कोई दूसरा स्मार्टफ़ोन.

हालाँकि जिस प्राइस में इसे लॉन्च किया गया है उस लिहाज़ से ये फ़ोन बेहद प्रीमियम लगता है. फ़ोन होल्ड करने में, देखने में और यूज करने में प्रीमियम लगता है. Nothing Phone 1 की स्क्रीन 6.55 इंच की है और इसमें कंपनी ने OLED पैनल यूज किया है. डिस्प्ले ब्राइट है और इसके साथ 120Hz रिफ्रेश रेट सपोर्ट दिया गया है.

डिस्प्ले सेग्मेंट बेस्ट नहीं है, लेकिन काफ़ी स्मूद और ब्राइट है. व्यूइंग एंगल भी अच्छा है और आउटडोर में भी डिस्प्ले अच्छा परफ़ॉर्म करती है. हालाँकि डिस्प्ले का रेज्योलूशन और बेहतर हो सकता था.

Nothing Phone 1 एक मिड रेंजर है, इसलिए इस स्मार्टफोन में Qualcomm Snapdragon 778G+ चिपसेट दिया गया है. ये पुराना प्रोसेसर है, लेकिन कंपनी ने इसे ट्यून किया है. फोन में 12GB तक रैम सपोर्ट है.

फोन यूज करने में स्मूद और फ़ास्ट लगता है. दो हफ़्तों तक यूज में मुझे इसके परफ़ॉर्मेंस में कोई दिक़्क़त महसूस नहीं हुई. चूंकि ये कंपनी का फ़र्स्ट जेनेरेशन फ़ोन है, इसलिए कुछ ख़ामियाँ बीच बीच में आती रहीं हैं, लेकिन सॉफ़्टवेयर अपडेट से इसे ठीक कर लिया गया है.

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Nothing Phone 1 का सॉफ्टेवयर और भी बेहतर किया जा सकता था. लेकिन अब भी कंपनी ने फोन के सॉफ्टवेयर को क्लीन रखने की पूरी कोशिश रखी है. यूजर एक्स्पीरिएंस के लिहाज से हमें इसका सॉफ्टवेयर पसंद आया.

सॉफ्टेवयर स्टॉक की तरह ही है और कंपनी ने तीन साल तक अपडेट देने का वादा किया है, जबकि चार साल तक फ़ोन में सिक्योरिटी अपडेट मिलते रहेंगे.

फ़ोन में कंपनी ने डॉट मेट्रिक्स फॉन्ट का ज़्यादा यूज किया है और कंपनी ने इसी के साथ अपनी आईडेंटिटी भी शुरू की है, ताकि ये फोन सॉफ़्टवेयर के लिहाज़ से भी  दूसरों से अलग लग सके.

कंपनी के कुछ छोटे मोटे ट्वीक्स को छोड़ दें तो इसका सॉफ़्टवेयर स्टॉक एंड्रॉयड जैसा ही लगता है. अगर आपने गूगल पिक्सल यूज किया है दूसरे स्टॉक एंड्रॉयड वाले फ़ोन को यूज किया है तो ये उसी तरह का है.

कंपनी का कस्टम ओएस दरअसल गूगल के एंड्रॉयड पर ही बेस्ड है. कंपनी ने ने कुछ अपने विजेट्स भी दिए हैं जो कस्टमाइज़ेशन में काम आते हैं और अच्छे लगते हैं.

Nothing Phone 1 में 50 मेगापिक्सल के दो रियर कैमरे दिए गए हैं, जबकि सेल्फी कैमरा 16 मेगापिक्सल का है. मेन सेंसर Sony IMX766 है. यही लेंस आपको कई मिड रेंज स्मार्टफोन के साथ कुछ फ्लैगशिप स्मार्टफोन में भी मिल जाएंगे. दूसरा लेंस सैमसंग का यूज किया गया है.

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ज़्यादा लिखने का मन नहीं है. बस इतना समझ लें कि इस फ़ोन का कैमरा अच्छी रौशनी में शानदार परफ़ॉर्म करता है. लाइटिंग चाहे नैचुरल हो या आर्टिफिशियल, रिज़ल्ट शानदार है.

डेलाइट में क्लिक की गई तस्वीरों में पर्याप्त डिटेल्स होती हैं और कलर्स भी अच्छे लगते हैं. ये नहीं कहूँगा कि कलर नैचुरल मिलते हैं, क्योंकि मैंने नोटिस किया है फ़ोटोज़ थोड़ा ओवरसैचुरेटेड लगते हैं. ये आपके ऊपर डिपेंड करता है कि आपको कैसी तस्वीरें पुसंद हैं.

Glyph का एक बड़ा फ़ायदा आपको कम रौशनी में फ़ोटो या वीडियो रिकॉर्ड करने में भी होता है. अंधेरे में इस लाइटिंग का यूज करके आप वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं और रिज़ल्ट अच्छा आता है. इसी तरह आप इसे फ़ोटोज क्लिक करने के लिए भी यूज कर सकते हैं.

मुमकिन है आने वाले समय में कंपनी Glyph का यूज सॉफ़्टवेयर अपडेट के ज़रिए और भी बढ़ा सकती है. क्योंकि अभी भी इसका यूज लिमिटेड है.

लेट्स बी प्रैक्टिकल — आम तौर पर इन दिनों मिड रेंज स्मार्टफोन्स से क्लिक की गई ज़्यादा तस्वीरें इंस्टाग्राम पर अपलोड की जाती हैं या फिर किसी दूसरे सोशल मीडिया पर डाले जाते हैं. इस लिहाज़ से ये ठीक है.

सेल्फ़ी कैमरा अच्छा है और पोर्टेट मोड भी ठीक ठाक ही काम करता है. इस सेग्मेंट में के दूसरे कई स्मार्टफोन्स से इसका सेल्फ़ी कैमरा मुझे बेटर लगता है. क्योंकि फ़ोटोज़ क्लियर आते हैं.

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मुझे इस फ़ोन की लो लाइट परफ़ॉर्मेंस पसंद नहीं आई. कम रौशनी में  तस्वीरें अच्छी नहीं आती हैं, कंपनी को इसे इंप्रूव करना होगा.

Nothing Phone 1 में 4,500mAh की बैटरी दी गई है और इसके साथ 33W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट है. अच्छी बात ये है कि इस फोन में वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट भी दिया गया है. कंपनी का दावा है कि बैटरी 18 घंटे तक का बैकअप दे सकती है.

फ़ोन की बैटरी आधे घंटे में 50% तक चार्ज हो जाती है. फ़ोन के साथ चार्जर नहीं मिलता है, लेकिन कंपनी 45W का चार्जर बेचती है. आप 33W से ज़्यादा पावर वाले ऐडेप्टर से चार्ज करेंगे तो फ़ोन थोड़ा जल्दी चार्ज होता है, लेकिन ये हम रिकॉमेंड नहीं करते हैं.

बैकअप की बात करें तो मॉडरेट यूज में ये फ़ोन पूरे दिन मुश्किल से चलता है. Glyph इंटरफेस बैटरी की खपत कम करता है ऐसा कंपनी का कहना है. फ़ोन की स्क्रीन टाइम 5-6 घंटे मिल जाती है. बैटरी बैकअप ना बुरा है ना ही सेग्मेंट का बेस्ट है. इसे ऐवरेज कहा जा सकता है.

Nothing Phone 1: बॉटम लाइन

Nothing Phone 1 कंपनी का फर्स्ट जेनेरेशन फोन है. बेशक ये फोन दूसरों से अलग लगता है. लेकिन जैसे ही आप इसमें कवर लगाते हैं ये नॉर्मल फोन की तरह बन जाता है. फ्रंट से देखने में ये iPhone की तरह ही लगता है. वैसे भी कवर लगा लेने के बाद Glyph किसी काम का नहीं रह जाता है.

या तो आप इसे फ़ोन को बिना कवर के यूज करें या फिर ट्रांसपेरेंट कवर यूज करें. फ़ोन एक फ़्रेश अप्रोच के साथ आता है और Glyph इसे बेहतर बनाता है. बाक़ी दूसरी चीजें भी सॉलिड हैं और सेग्मेंट के हिसाब से इसकी परफ़ॉर्मेंस भी अच्छी है.

सॉफ़्टवेयर और बेहतरीन किया जा सकता था. Glyph में कुछ दिक़्क़तें आती हैं जिसे कंपनी को जल्दी ठीक करना होगा. ये भी क्लियर करना होगा कि कंपनी भारत में आफ्टर सेल सर्विस को लेकर क्या कर रही है.

क्या आपको ये फ़ोन ख़रीदना चाहिए? इस सवाल का जवाब, हाँ या ना में नहीं दिया जा सकता है. लंडन बेस्ड ये कंपनी है और OnePlus के पूर्व को फाउंडर इसके फाउंडर हैं. कार्ल पेई भारतीय मार्केट को लेकर गंभीर दिखते हैं. लेकिन आफ्टर सेल सर्विस को लेकर अभी भी यूज़र्स के मन में डाउट है.

इस क़ीमत पर ये फ़ोन काफ़ी कुछ ऑफ़र करता है और आपको थोड़ा अलग फ़ोन चाहिए तो इसे ट्राई कर सकते हैं. फ़िलहाल कंपनी को भारत सहित दूसरे हर मार्के में खुद को प्रूव करना होगा.

आज तक रेटिंग: 8/10

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