ब्रिटेन की रहने वाली 15 साल की युवती जेनी ने वाईफाई के एलर्जिक सिग्नल से परेशान होकर आत्महत्या कर ली. युवती के माता-पिता के मुताबिक वह 2012 से इलेक्ट्रो हाइपरसेंसिटिविटी (EHS) से पीड़ित थी, जिसकी वजह से उसे लगातार सिरदर्द और थकान रहती थी.
डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जेनी की मां ने बताया कि उसके स्कूल में लगे वायरलेस इंटरनेट कनेक्शन से उसे एलर्जी होती थी जिसके बारे में उसने लोगों को बताया भी था. डॉक्टर की काफी जांच के बाद भी एलर्जी की वजह का पता नहीं लगाया जा सका.
युवती के माता पिता का मानना है कि स्कूल में लगा वाईफाई उनकी बेटी की मौत का जिम्मेदार है, जिससे परेशान होकर उसने खुदकुशी कर ली. उन्होंने कोर्ट में यह बात भी कही है कि जेनी स्कूल में वाईफाई राउटर से दूर के किसी खाली क्लासरूम में खुद को बंद कर लेती थी. उन्होंने बताया कि इस वजह से अपने घर का इंटरनेट कनेक्शन भी बंद करा लिया था.
जेनी ने खुदकुशी से पहले लिखे एक लेटर में भी इस बात का जिक्र किया था कि वाईफाई के एलर्जिक सिग्नल से उसे काफी तकलीफ हो रही है. स्कूल प्रशासन का मानना है कि सभी पब्लिक प्लेस की तरह ही उनके स्कूल में भी सर्टिफाइड वाईफाई राउटर लगा है.
जेनी के माता-पिता का मानना है कि स्कूल में वाईफाई नहीं लगने चाहिए और सरकार से यह दरख्वास्त की है कि इलेक्ट्रो हाइपरसेंसिटिविटी के लिए बड़े स्तर पर रिसर्च कराई जाए ताकि आगे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.