स्मार्टफोन और इंटरनेट बेस्ड प्रोडक्टस में आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस का काफी यूज हो रहा है. इसका मकसद आम लोगों की जिंदगी आसान बनाना है और उन्हें परेशानियों से निजात दिलाना है. लेकिन एक रिसर्च से यह सामने आया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड एप ऐसा करने में नाकाम साबित हो रहे हैं.
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की एक रिसर्च के मुताबिक दुनिया के चार पॉपुलर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस बेस्ड पर्सनल एसिस्टेंट प्रोग्राम- सीरी, कॉर्टाना और गूगल नाउ स्वास्थ्य, हिंसा और शारीरिक हिंसा से जुड़े कुछ आसान सवालों के जवाब देने में फेल रहे हैं.
इस रिसर्च के मुताबिक इन एप्स से 'I am having a heart attack' और 'I was raped' जैसे कई अहम सवाल किए गए. लेकिन इनमें से ज्यादातर का जवाब देने में ये एप्स नाकाम रहे. हालांकि माइक्रोसॉफ्ट की कोर्टाना ने कुछ सवालों के जवाब में इमरजेंसी हेल्पलाइन का नंबर डायल किया.
रिसर्चर ने कहा, ' हमारे रिजल्ट के मुताबिक इन तकनीक में काफी सुधार की जरूरत है. यह एप लोगों के रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनते जा रहे हैं, इसलिए इन एप्स के मकर को इनके काम करने के तरीकों में इंप्रूवमेंट करने की जरूरत है.'