मुकेश अंबानी के मुताबिक रिलायंस जियो ने 100 मिलियन यूजर्स का आंकड़ा पार कर लिया है. निश्चित तौर पर आगे चलकर ये आंकडे भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर एयरटेल के लिए डरावने साबित हो सकते हैं. इसलिए एयरटेल ने इसे भांपते हुए नॉर्वे की टेलीकॉम कंपनी का इंडिया डिविजन खरीदने की तैयारी कर ली है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक यह नो कैश डील होगी, यानी ये कहा जा सकता है कि भारती एयरटेल फ्री में ही टेलीनॉर को खरीद रही है. एयरटेल ने टेलीनॉर के अधिग्रहण का आधिकारिक ऐलान भी कर दिया है.
बिजनेस स्टैडर्ड के मुताबिक दोनों कंपनियों ने इस डील के साइज के बारे में कुछ भी नहीं कहा है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह अधिग्रहण लगभग 1,600 करोड़ का है.
हालाकिं ये पैसा एयरटेल टेलीनॉर को नहीं देगी बल्कि इस पैसे से टेलीनॉर के स्पेक्ट्रम की आगे की कीमत चुकाई जाएगी. इस डील के साथ ही भारती एयरटेल के पास टेलीनॉर के टावर लीज से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर कॉन्ट्रेक्ट तक होंगे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक स्पेक्ट्रम का ये पेमेंट कई चरणों में किया जाएगा और इसकी समयसीमा 10 साल होगी . बिजनेस स्टैडर्ड ने सूत्रों से के हवाले से बताया है कि टेलीनॉर का 43.4MHz बैंड का स्पेक्ट्रम जिसे 4G डेटा इफिशिएंसी के लिए खास माना जाता है, आने वाले चार से पांच सालों में एयरटेल के लिए काफी से भी ज्यादा होगा.
गौरतलब है कि टेलीनॉर इंडिया का कर्ज 1,500 करोड़ का है जिसे कंपनी खुद अदा करेगी. कुल मिला कर ये कि अब टेलीनॉर भारत से निकलने की तैयारी में है.
इस अधिग्रहण के बाद भारती एयरटेल के पास 1,800MHz बैंड का एक्स्ट्रा स्पेक्ट्रम होगा . इसके जरिए कंपनी सात सर्कल में अपनी सेवाओं में विस्तार करेगी.
भारती एयरटेल के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जक्यूटिव गोपाल वित्तल ने कहा , ‘अलग अलग बैंड्स के स्पेक्ट्रम के जरिए यूजर्स को सस्ते और वर्ल्ड क्लास टेलीकॉम सर्विस देने और भारत की डिजिटल क्रांति को ध्यान में रखते हुए यह डील की गई है.
इस डील के बाद टेलीनॉर के 44 मिलियन ग्राहक एयरटेल के हो जाएंगे. फिलहाल एयरटेल के पास देश भर में 269.40 मिलियन यूजर्स हैं. टेलीनॉर ग्रुप के सीईओ सिग्व ब्रेक ने कहा, ‘हमें यकीन है कि आज का ये अग्रीमेंट हमारे कस्टमर्स, कर्मचारी और टेलीनॉर ग्रुप के हक में है’