लंदन बेस्ड आर्टफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े स्टार्ट अप Playground ने एक नया ऐप लॉन्च किया है. कंपनी के मुताबिक इसे खोजी पत्रकारों के साथ मिल कर तैयार किया गया है जो अपनी आइडेंटिटी जाहिर किए बिना फुटेज रिकॉर्ड करना चाहते हैं.
इस ऐप में कई फीचर्स हैं जिसके तहत इसके यूजर्स बिना अपनी पहचान जाहिर किए वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं. इसमें वॉयस को डिस्टॉर्ट करने का भी दिया गया है. यानी वीडियो रिकॉर्ड करने के बाद फुटेज सुनने वाले आपकी आवाज नहीं पहचान पाएंगे.
ये दरअसल एक कैमरा ऐप और अभी ये सिर्फ Apple के ऐप स्टोर पर उपलब्ध है. यानी इसे आईफोन यूजर्स ही यूज कर पाएंगे. ये कैमरा ऐप मशीन लर्निंग के जरिए फोटो और वीडियो में किसी इंसान की पहचान करता है और इसके बाद इन्हें ब्लर करता है. ब्लर के अलावा ब्लॉक और फेस ब्लर का भी ऑप्शन दिया गया है.
इस ऐप में पूरी बॉडी ब्लर या ब्लॉक का करने का भी ऑप्शन है. यानी वीडियो रिकॉर्ड करते वक्त इसे यूज करके उस इंसान को पूरी तरह से छुपाया जा सकता है.
ये ऐप यूजर का चेहरा एक फ्रेम में पहचान करके इसे सॉलिड कलर, नॉयज या ब्लर के साथ अनाम यानी Anonymous कर सकता है. फुल बॉडी अनॉनिमाइजेशन का फीचर फिलहला iPhone XS और इससे ऊपर के ही स्मार्टफोन के लिए उपलब्ध है.
इस ऐप के जरिए वीडियो के वॉयस को भी डिस्टॉर्ट किया जा सकता है. इस ऐप में वीडियो रिकॉर्ड करके मोबाइल की गैलरी में सेव किया जा सकता है. लोकेशन ऑन या ऑफ करने का भी ऑप्शन है. अगर आप लोकेशन ऑन करेंगे तो वीडियो रिकॉर्ड किए जाने का टाइम और लोकेशन का पता लग पाएगा.
Verge ने Quartz एक रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि कुछ ब्लर और पिक्सेलेशन मेथड भी रिवर्स किए जा सकते हैं और वीडियो में दिख रहा है इंडिविजुअल सिर्फ चेहरा नहीं बल्कि कपड़े और टैटू जैसी चीजों से भी पहचाना जा सकता है.
इस स्टार्टअप के मुताबिक मशीन लर्निंग बेस्ड ये ऐप पत्रकारों, व्हिसल ब्लोअर, रिसर्चर्स और ऐक्टिविस्ट्स के लिए बनाया गया है जो खुद को बचाते हुए, अपनी पहचान छुपा कर जानकारियां पहुंचाना चाहते हैं.
ये ऐप किसी भी यूजर को पूरी तरह से अनॉनिमाइज यानी पहचान छुपा सकता है. इसके लिए यहां सॉलिड कलर, नॉयज और ब्लर का ऑप्शन दिया गया है. पूरी बॉडी और फेस हाइड करने का भी ऑप्शन चुन सकते हैं.
इस ऐप में किसी भी वीडियो को रियल टाइम ब्लर या अनॉनिमाइज किया जाता है. इस वजह से असली शख्स की पहचान मोबइल में रहने का भी चांस कम है.
इस स्टार्टअप ने ये भी कहा है कि इस ऐप के जरिए रिकॉर्ड किए गए फूटेज पूरी तरह से लोकल यानी यूजर के स्मार्टफोन्स में ही सेव किए जाते हैं. क्लाउड पर इससे जुड़ा कोई भी डेटा नहीं भेजा जाता है. इसे फ्लाइट मोड पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है.