दुनिया की चार दिग्गज टेक कंपनियों- ऐमेजॉन, ऐपल, फेसबुक और गूगल के सीईओ को बुधवार को अमेरिकी संसद की एंटीट्रस्ट सबकमेटी के सामने पेश होना पड़ा. यहां अमेरीकी कांग्रेस की एक कमेटी के सामने इन चारों कंपनियों के सीईओ ने अपने ऊपर ताकत के गलत इस्तेमाल के लिए लगे आरोपों के खिलाफ सफाई दी. रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स सांसदों ने दिग्गज कंपनियों के सीईओ से कई सवाल-जवाब किए. इन कंपनियों पर आरोप है कि ये अपनी ताकत से प्रतिस्पर्धियों को दबा रहे हैं, डेटा इकट्ठा कर रहे हैं और बेहद मुनाफा कमा रहे हैं.
द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, दिग्गज कंपनियों के सीईओ की पेशी एंटीट्रस्ट सबकमेटी के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई और ये लगभग 6 घंटे तक चली. सबकमेटी ने इस दौरान कई दस्तावेज पेश किए. इनके पास कई घंटों की इंटरव्यूज और सिलिकॉन वैली के दिग्गजों के कुछ प्राइवेट मैसेज भी थे. उन्होंने कहा कि इन सबसे पता चलता है कि टेक सेक्टर में कुछ लोग ज्यादा ताकतवर हो गए हैं. इतने कि ये अपने प्रतिद्वंदियों, ग्राहकों और यहां तक की लोकतंत्र को भी डरा रहे हैं.
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एंटीट्रस्ट पैनल के चेयरमैन Cicilline ने पिछले साल Amazon, Apple, Facebook और Google पर कांग्रेस की जांच की शुरुआत की थी. इस जांच का लक्ष्य ये जानना है कि कहीं इन कंपनियों ने अपनी ताकत एंटी कंपीटिटिव तरीके से तो हासिल नहीं की. वहीं, पेशी के दौरान अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ऐमेजॉन के जेफ बेजोस, ऐपल के टिम कुक, फेसबुक के मार्क जकरबर्ग और गूगल के सुंदर पिचाई ने किसी भी गलत काम से इनकार किया और कांग्रेस से कहा कि सारी चीजें अमेरीकी नियम-कानून के मुताबिक ही की गईं हैं.
इस पेशी के दौरान सारी कंपनियों पर काफी सारे आरोप लगाए गए. डेमोक्रेट्स के एक प्रतिनिधि ने फेसबुक के मार्क जकरबर्ग को 2012 का एक मैसेज दिखाया जिसमें उन्होंने इंस्टाग्राम का अधिग्रहण करने की मांग की थी. उस समय इंस्टाग्राम एक प्रतिद्वंदी फोटो शेयरिंग ऐप था और फेसबुक को डर था कि ये उन्हें नुकसान ना पहुंचा दे. ऐसे में एक और प्रतिनिधि ने फेसबुक के अधिग्रहण की नीति पर सवाल उठाते हुए इसे भूमि अधिग्रहण की तरह बताया.
प्रतिनिधि ने फेसबुक से कहा है कि आपने किसी संभावित प्रतिस्पर्धी खतरे को टालने के लिए इंस्टाग्राम को खरीदा. मर्जर और अधिग्रहण के तहत किसी संभावित प्रतिस्पर्धी खतरे को खरीदा जाना एंटीट्रस्ट नियम उल्लंघन करता है.
इसी तरह ऐपल पर आरोप लगाया गया कि कंपनी अपने ऐप स्टोर पर दूसरे ऐप्स की जगह अपने ऐप्स का ज्यादा बढ़ावा देती है. जोकि प्रतिस्पर्धा के खिलाफ है.