ऐपल ने अपने प्लेटफॉर्म से फेसबुक का रिसर्च ऐप डिसेबल कर दिया. इसकी वजह एक रिपोर्ट थी. रिपोर्ट में कहा गया कि फेसबुक इस ऐप को यूजर्स के फोन का रूट ऐक्सेस लेने के लिए यूज कर रहा है. इतना ही नहीं इसके बदले में यूजर्स को हर महीने फेसबुक 20 डॉलर दे रही है. ऐपल ने सिर्फ इसी ऐप को बैन नहीं किया, बल्कि कंपनी ने फेसबुक को दिए गए एंटरप्राइज सर्टिफिकेट को भी रिवोक कर लिया जिसके जरिए फेसबुक बिना ऐप स्टोर में लिस्ट किए ही इंटर्नल ऐप्स लोगों को देती थी.
टेक क्रंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐपल ने फेसबुक के विवादित वीपीएन ऐप को ब्लॉक कर दिया. ऐपल ने एक स्टेटमेंट में कहा है, ‘हमने अपना एंटरप्राइज डेवेलपर प्रोग्राम सिर्फ ऐप के इंटर्नल डिस्ट्रीब्यूशन के लिए डिजाइन किया है. फेसबुक इस मेंबरर्शिप को डेटा कलेक्टिंग ऐप को डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए यूज कर रहा था जो हमारे अग्रीमेंट के मुताबिक नहीं है. कोई भी डेवेलपर अपने एंटरप्राइज सर्टिफिकेट कंज्यूमर को डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए यूज करता है तो हम उसका सर्टिफिकेट रिवोक कर लेते हैं. हमने इस मामले में भी ऐसा है किया है ताकि यूजर्स डेटा की रक्षा हो सके’
रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक 2016 से तीन बीटा टेस्टिंग सर्विस – Applause, BetaBound और uTest को यूज कर रहा है. इसे 13-35 साल की उम्र क लोगों के स्मार्टफोन में फुल ऐक्सेस लिया जाता था और इसके लिए फेसबुक यूजर्स को पैसे भी देती थी. हालांकि फेसबुक ने ऐलान किया कि वो इस ऐप को ऐप स्टोर से वापस ले रही है.
फेसबुक ने एक स्टेटमेंट में कहा है, ‘ये ऐप उन सभी पर स्पाई नहीं कर रहा था जिन्होंने इस पार्टिसिपेट किया था. रजिस्टर होने के प्रोसेस में यूजर्स से इजाजत ली जाती थी और उन्हें इसके लिए पैसे दिए जाते थे’
फेसबुक से पहले ही ऐपल ने फेसबुक के इस वीपीएन ऐप को प्ले स्टोर से बैन कर दिया और एंटरप्राइज सर्टिफिकेट रिवोक कर लिया. एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक ऐपल के इस कदम से फेसबुक का इंटर्नल कम्यूनिकेशन सिस्टम बुरी तरह प्रभावित हुआ है. यानी फेसबुक के कर्मचारी अपने आईफोन पर इंटर्नल सॉफ्टवेयर नहीं यूज कर पा रहे हैं जिनमें उनके लंच मेन्यू और शटल ट्रैक करने के फीचर्स हैं. इतना ही नहीं बताया जा रहा है कि वर्क शेड्यूल और दूसरी महत्वपूर्ण जानकारियां भी ऐक्सेस नहीं कर पा रहे हैं.
ऐपल के इस कदम से फेसबुक के इंटर्नल टेस्टिंग वर्जन्स पर भी असर पड़ रहा है. इनमें इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप भी शामिल हैं. कंपनियां किसी भी फीचर्स को iOS के लिए पब्लिक करने से पहले बीटा टेस्टिंग करती हैं.
ऐपल और फेसबुक अक्सर पब्लिक प्लेटफॉर्म पर एक दूसरे की खिंचाई करते आए हैं. पिछले साल ही ऐपल के सीईओ टिम कुक ने प्राइवेसी को लेकर मार्क जकरबर्ग के तरीके की आलोचना की थी. इसके बाद जकरबर्ग ने भी इसका जवाब दिया और कहा कि ये बेवकूफी भरा है.
अब इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं. ऐपल की पॉलिसी का उल्लंघन करने पर फेसबुक को दी गई सजा है.