करीब 59 प्रतिशत लोग जो ऑनलाइन डेटिंग सर्विस या ऐप अपने मोबाइल पर यूज करते हैं रिपोर्ट्स के मुताबिक सिक्योरिटी प्रॉब्लम से जूझना पड़ रहा है. ये कहना है साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट नॉर्टन के एक सर्वे का. होता यूं है कि हर फरवरी के महीने में सिंगल और कपल्स दोनों ही वैलेंनटाइन डे बेस्ड ऐप, रोमैंटिक थीम बेस्ड कंटेट, लव मीटर टेस्ट, ग्रीटिंग और गेम्स का इस्तेमाल करते हैं और उनकी डाउनलोडिंग बढ़ जाती है.
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नॉर्टन मोबाइल के सर्वे के मुताबिक, भारत में डेटिंग बेस्ड सोशल नेटवर्किंग साइट्स का उपयोग तेजी से बढ़ा है. करीब 38 प्रतिशत लोगों ने माना कि उन्होंने कभी-कभी इन साइट्स का उपयोग जरूर किया है. हालांकि, इन ऐप्स को लोग एक महीने के भीतर ही अनइंस्टॉल भी कर देते हैं. पर साइबर क्रिमिनल्स इसी बात का फायदा उठाकर लोगों के इनट्रेस्ट के हिसाब से उन्हें ऑफर भेजने लगते हैं.
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सर्वे का मानना है कि, 64 फीसदी महिलाओं और 54 फीसदी पुरूषों ने साइबर सिक्योरिटी संबंधित परेशानी का सामना किया है. सिक्योरिटी फर्म का कहना है कि ऐसे किसी भी लिंक को क्लिक ना करें जो आपके किसी पुराने कॉन्टैक्ट के नाम से आपके पास आएं हों क्योंकि साइबर क्रिमिनल्स ऐसे कॉन्टैक्ट्स का फायदा उठाते हैं. ऐसे लिंक क्लिक करते ही आप किसी पॉर्न वेबसाइट पर या वेबकैम साइट पर पहुंच जाते हैं.
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कभी-कभी ऐसे लिंक आपको ऐसे साइट्स पर ले जाते हैं जो आपके कम्प्यूटर पर मालवेयर भी डाउनलोड कर डाउनलोड कर देते हैं. साथ ही आपके बैंक डिटेल्स, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स आदि के लीक होने का खतरा भी बढ़ जाता है. यूजर्स को अपने उन यूजरनेम और पासवर्ड को यूज करना चाहिए जो बाकि किसी अकाउंट में ना उपयोग किया गया हो, क्योंकि क्रिमिनल्स आपके यूजरनेम से ही आपके बाकी अकाउंट्स को भी खतरा पहुंचा सकते हैं और जानकारी चुरा सकते हैं.
यूजर्स को ऐसे ऐप्स को यूज करना चाहिए जो वेरिफाइड हों या तो पेड हों और उनके लिगल डिटेल्स को भी गौर से पढ़ें.