शुक्रवार की शाम खबर आई कि ब्रिटेन के दर्जनों अस्पतालों के कंप्यूटर्स को हैकर्स ने रैंजमवेयर के जरिए हैक कर लिया. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अब 99 देश इस साइबर अटैक की चपेट में हैं. इसके तहत लगभग 75 हजार कंप्यूटर्स को निशाना बनाया गया है. ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस को निशाना बनाने वाले इस रैंजमवेयर का नाम WanaCrypt0r 2.0 है.
UPDATE: साइबर अटैक की बड़ी घटना के बाद यूके की नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर ने रैंजमवेयर हैक को रोकने के लिए उपाय बताया है. ये जानकारी ट्विट कर शेयर की गई है.
How to prevent a ransomware incident and what to do if your organisation is infected https://t.co/YSmFYATtAK pic.twitter.com/NhdC5fIWWG
— NCSC UK (@ncsc) May 13, 2017
UPDATE: इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट ने भी रैंजमवेयर अटैक से प्रभावित आउट ऑफ सपोर्ट वाले प्रोडक्ट- Windows XP, Windows 8 और Windows Server 2003 के लिए प्रोटेक्शन जारी किया है. कंपनी ने इस जानकारी ट्विटर के जरिए दी है.
Microsoft releases #WannaCrypt protection for out-of-support products Windows XP, Windows 8, & Windows Server 2003: https://t.co/ZgINDXAdCj
— Microsoft (@Microsoft) May 13, 2017
रैंजमवेयर एक तरीके का मैलवेयर होता है जो कंप्यूटर को रिमोटली लॉक करके डेटा एन्क्रिप्ट कर देता है. इसे डिक्रिप्ट और कंप्यूटर को अनलॉक करने के लिए हैकर्स पैसों की मांग करते हैं. साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि हैकर्स ने उन तरीकों को अपनाया है जिसे नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी ने डेवलप किया था जो हाल ही में लीक हुआ है. इस खतरनाक मैलवेयर को ईमेल के जरिए टार्गेट कंप्यूटर में भेजा जा रहा है. इतना ही नहीं हैकर्स कंप्रेस्ड और एन्क्रिप्टेड फाइल के जरिए भी कंप्यूटर्स को निशाना बना रहे हैं.
इस साइबर अटैक की वजह से अमेरिकन मल्टिनेशल कूरियर डिलिवरी सर्विस FedEx के कंप्यूटर्स को भी नुकसान हुआ है. कंपनी के मुताबिक, उन्हें भी वैसे ही साइबर अटैक का सामना करना पड़ रहा है, जैसे ब्रिटेन के हॉस्पिटल्स में हो रहा है. इस अटैक का असर रूस में ज्यादा दिख रहा है. रिपोर्टस के मुताबिक रूस के गृह मंत्रालय ने इस बात को माना है कि वहां भी साइबर अटैक हुआ है. वहीं स्पेन की सबसे बड़ी नेशनल टेलीकम्यूनेकशन फर्म टेलीफोनिक और टेलीकॉम दिग्गज टेलीफोका भी इस साइबर अटैक की जद में है, जिसके कंप्यूटर्स भी रैंजमवेयर के जरिए हैक किए गए हैं. ब्रिटेन और स्पेन उन देशों में जिन्होंने सबसे पहले इस साइबर अटैक को आधिकारिक तौर पर माना है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, टेलीफोनिका के अलावा भी कई कंपनियां खतरनाक सॉफ्टवेयर की चपेट में हैं.
Windows XP को बनाया जा रहा है निशाना
आपको बता दें कि यह साइबर अटैक Windows कंप्यूटर्स में हो रहा है और खास कर उनमें जिनमें XP है. खबरों के मुताबिक, ब्रिटेन के जिन अस्पतालों के कंप्यूटर्स हैक हो रहे हैं, उनमें ज्यादातर Windows XP पर चलते हैं. माइक्रोसॉफ्ट ने इस ऑपरेटिंग सिस्टम का सपोर्ट पहले ही बंद कर दिया है, इसलिए इसे यूज करना किसी चुनौती से कम नहीं है.
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स और एथिकल हैकर्स का मानना है कि यह एक शुरुआत है, क्योंकि इस बार हैकर्स ने NSA के लीक्ड टूल को हथियार बनाया है, जिसे एनएसए ने अपने हैकिंग के लिए बनाया था. हाल ही में WikiLeaks ने इस हैकिंग टूल को लीक कर दिया था और इसी का फायदा उठाते हुए हैकर्स ऐसा कर रहे हैं.
गौरतलब है कि एनएसए का यह हैकिंग टूल शैडो ब्रोकर्स नाम के एक ग्रुप ने लीक करने का दावा किया था. उन्होंने एनएसए के इस हैकिंग टूल को लीक किया और खुद लोगों को बताया. हालांकि माइक्रोसॉफ्ट ने मार्च में ही इस खामी को ठीक करने के लिए एक पैच अपडेट दिया, लेकिन हैकर्स फिर भी इसमें सेंध लगाने में कामयाब होते दिख रहे हैं.
एडवर्ड स्नोडन ने क्या कहा?
व्हिसल ब्लोअर और एनएसए के पूर्व कॉट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडन ने इस साइबर अटैक के बाद कहा है कि ये सब नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी की वजह से हुआ है. उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने पहले से ही अगाह कर दिया था. स्नोडेन ने कहा कि अगर एनएसए को Windows XP की इस खामी के बारे में पता था, तो क्यों नहीं एजेंसी ने माइक्रोसॉफ्ट को इसके बारे में बताया. अगर एनएसए ऐसा करती तो शायद आज इतना बड़ा साइबर अटैक नहीं होता. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि कई चेतावनी के बावजूद भी एनएसए ने ऐसा खतरनाक टूल बनाया जिसकी वजह से ऐसा हो रहा है.
भारत में ज्यादातर दफ्तरों में Windows XP यूज होता है, चाहे एटीएम हों या प्राइवेट/सरकारी दफ्तर. भारत में Windows XP काफी यूज किया जाता है. इसलिए सरकार को चाहिए की इस पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम को हटा कर नया लाए, क्योंकि जिस तरह यह साइबर अटैक तेजी से पांव पसार रहा है, उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि जल्द ही एशियाई देशों में भी फैलेगा. खास कर भारत में जहां साइबर सिक्योरिटी के मामले में वेबसाइट्स फिसड्डी हैं.
ऐसे करें खुद को इस साइबर अटैक से सुरक्षित
मार्च में माइक्रोसॉफ्ट ने Windows यूजर्स के लिए एक सिक्योरिटी पैच अपडेट किया था. आपने अगर इसे इंस्टॉल नहीं किया है तो अब वक्त आ गया है इसे इंस्टॉल करने का. दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप इसे अपने कंप्यूटर में इंस्टॉल कर सकते हैं.