इस साल क्राइम बढ़ेगा. यह दावा है एक स्टडी का. इस स्टडी के मुताबिक, देश में साइबर क्राइम के मामलों की संख्या 2015 में तीन लाख हो सकती है. यह संख्या एक साल पहले के मुकाबले दोगुनी है.
एसोचैम की इस स्टडी के मुताबिक, इन अपराधों के तहत ऑनलाइन बैंक खातों की फिशिंग और एटीएम या डेबिट कार्ड की क्लोनिंग आम बात है. ऑनलाइन बैंकिंग या वित्तीय लेन देन के लिए मोबाइल, स्मार्टफोन या टैबलेट के बढ़ते प्रयोग के कारण इन अपराधों को अंजाम देने में सुविधा हो रही है. अपराध को अंजाम देने वालों में अधिकतर की उम्र 18-30 साल के बीच है.
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने संयुक्त एसोचैम-महिंद्रा एसएसजी अध्ययन 'साइबर एंड नेटवर्क सिक्युरिटी फ्रेमवर्क' जारी करते हुए कहा, 'अधिक चिंताजनक बात यह है कि इन
अपराधों के स्रोत मुख्यत: देश से बाहर जिन देशों में हैं, उनमें चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अल्जीरिया जैसे देश भी शामिल हैं.' साइबर क्राइम के मामलों की संख्या अभी देश में 1,49,254 है,
जो 2015 में बढ़कर तीन लाख हो सकती है. यह सालाना 107 फीसदी की वृद्धि है. स्टडी के मुताबिक हर महीने देश में 12,456 मामले दर्ज किए जाते हैं. 2014 में साइबर हमले के मामलों की
संख्या में भारत का स्थान जापान और अमेरिका के बाद तीसरा है.
-इनपुट IANS