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डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों नहीं दिया ट्विटर के फाउंडर जैक डोर्सी को टेक समित का न्यौता

ऑनलाइन सरकारी निगरानी के खिलाफ हमेशा से जैक डोर्सी मुखर रहे हैं और उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी है कि ट्विटर पहली सोशल मीडिया कंपनी है जिसने अमेरिका की निगरानी प्रोग्राम PRIMS में हिस्सा नहीं लिया था.

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डोनल्ड ट्रंप और ट्विटर सीईओ जैक में क्या हैं मतभेद
डोनल्ड ट्रंप और ट्विटर सीईओ जैक में क्या हैं मतभेद

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अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप वैसे से तो ट्विटर पर काफी ऐक्टिव हैं. ज्यादातर बार वो अपने ट्वीट की वजह से ही दुनिया भर में चर्चा में रहे. इतना ही नहीं इसके जरिए वो आने वाले प्लान और पॉलिसी के बारे में भी बताते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक डोनल्ड ट्रंप ने अपने टेक समिट में ट्विटर के फाउंडर और सीईओ जैक डोर्सी को ही न्यौता नहीं दिया है.

कल डोनल्ड ट्रंप न्यू यॉर्क स्थित अपने ट्रंप टावर में एक राउंड टेबल मीटिंग कर रहे हैं. इसमें अमेरिका के लगभग सभी टेक्नॉलोजी दिग्गज कंपनियों के मालिकों को बुलाया गया है. इनमें वो कंपनियां और वो सीईओ भी शामिल हैं जिन्होंने चुनाव के दौरान कमोबेश खुलकर हिलेरी क्लिंटन का सपोर्ट किया था. ऐपल सीईओ टिम कुक, गूगल फाउंडर लैरी पेज, माइक्रोसॉफ्ट सीईओ सत्य नडेला, टेस्ला/स्पेस एक्स सीईओ एलॉन मस्क और फेसबुक की सीओओ शेरिल सैंडबर्ग जैसी बड़ी हस्तियां इस राउंड टेबल में शामिल होंगी.

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रीकोड की रिपोर्ट के मुताबि ट्विटर सीईओ जैक डोर्सी ने कोड कॉमर्स इवेंट के दौरान कहा था कि उन्हें इस समिट के लिए नहीं बुलाया गया है, फिर उसके बाद यह भी बोला की उन्हें इस बारे में पता नहीं है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि आखिरी वक्त में उन्हें न्यौता भेजा जा सकता है.

डोनाल्ड ट्रंप और जैक डोर्सी के ये हैं मतभेद
डोनल्ड ट्रंप ने मुसलमानों का एक ऐसा डेटाबेस बनाने की बात कही है जिसमें उनकी जानकारियां हैं और उनपर 24 घंटे नजर रखी जा सके. ट्विटर पहली ऐसी टेक कंपनी है जिसने ट्रंप की इसमें हिस्सा लेने और सहयोग करने से साफ मना किया है.

ऑनलाइन सरकारी निगरानी के खिलाफ हमेशा से जैक डोर्सी मुखर रहे हैं और उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी है कि ट्विटर पहली सोशल मीडिया कंपनी है जिसने अमेरिका की निगरानी प्रोग्राम PRIMS में हिस्सा नहीं लिया था.

एडवर्ड स्नोडेन के साथ किया लाइव ब्रॉडकास्ट
एक तरफ जहां अमेरिका के अगले प्रेसिडेंट डोनल्ड ट्रंप ऑनलाइन निगरानी के पक्ष में हैं और तगड़ी सर्विलैंस प्रोग्राम लाने की तैयारी में हैं वहीं दूसरी तरफ ट्विटर के सीईओ इसके खिलाफ सख्ती से खड़े हैं. इसका उदाहरण कल रात एडवर्ड स्नोडेन के साथ किए गए लाइव ब्रॉडकास्ट से मिलता है.

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अमेरिकी खुफिया सीआईए के पूर्व कॉन्ट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन जिन्होंने वहां कि निगरानी प्रोग्राम PRISM को उजागर किया था. फिलहाल वो रूस में हैं और अमेरिका में उनके खिलाफ वॉरंट जारी है. कल ट्विटर के सीईओ ने पेरिस्कोप के जरिए उनके साथ लाइव ब्रॉडकास्ट किया जिस दौरान लोगों ने स्नोडेन से सवाल पूछे. इस दौरान लगभग 150,000 लोगों ने इसे देखा. यह खुद में मतभेद वाला कदम है, ऐसे में जब स्नोडन पर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है और अमेरिका के ही ट्विटर के सीईओ उन्हें एक मंच दे रहे हैं जिससे लाखों लोग उनसे बाते कर सकें. स्नोडेन ने इस बात पर जोर दिया कि क्यों सरकार के लिए किसी तरह की निगरानी की परियोजना गलत है और क्यों टेक्नॉलोजी कंपनियों को इसमें हिस्सा नहीं लेना चाहिए.

इन सब के अलावा ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी उन चंद बड़ी हस्तियों में से एक हैं जो स्नोडेन के सपोर्ट में बोलते आए हैं और उन्होंने उनके खिलाफ मुकदमा खत्म करने के लिए पिटिशन भी साइन किया है.

बहरहाल राउंड टेबल मीटिंग में ट्रंप टेक कंपनियों के मालिकों से क्या बाते करते हैं और क्या पॉलिसी तय होती है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन ट्विटर के सीईओ जैक ने स्नोडेन के साथ लाइव ब्रॉडकास्ट करके यह साफ कर दिया है आगे भी ट्रंप की पॉलिसी के खिलाफ मुखर ही होंगे.

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