चुनाव आयोग ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक से देश में मतदान से 48 घंटे पहले राजनीतिक विज्ञापन हटाने के लिए कहा है. हालांकि फेसबुक ने अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, वह अभी इस पर विचार कर रहा है. गौरतलब है कि कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले में फेसबुक का नाम सामने आने और इससे अमेरिका में चुनाव प्रभावित होने की घटना के बाद दुनियाभर में सोशल मीडिया के चुनाव में दुरुपयोग को रोकने के प्रयास हो रहे हैं.
इस संबंध में भारतीय चुनाव आयोग ने एक समिति का गठन किया था. समिति की चार जून की बैठक में जनप्रतिनिधित्व कानून- 1951 की धारा -126 पर विचार किया गया. बैठक में फेसबुक के प्रतिनिधि ने इस बात पर सहमति जताई कि वह अपने पेज पर एक विंडो या बटन उपलब्ध कराने पर विचार करेगा जिस पर चुनाव कानूनों के उल्लंघन की शिकायत की जा सकेगी.
फेसबुक के प्रतिनिधि ने इस बात पर भी सहमति जताई कि उसके यूजर्स द्वारा पोस्ट की जाने वाली कंटेट की समीक्षा करने वालों की संख्या मौजूदा 7,500 से अधिक भी की जा सकती है. चुनाव के समय इस संख्या में परिवर्तन किया जा सकता है. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा -126 मतदान से 48 घंटे पहले किसी भी तरह के चुनाव प्रचार को प्रतिबंधित करती है ताकि मतदाता को निर्णय करने का समय मिल सके.
फेसबुक के प्रतिनिधि ने बैठक में कहा कि कंटेट के खिलाफ शिकायत फेसबुक के पेज पर ही की जा सकती है और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप इसकी समीक्षा की जाएगी. यदि यह कंटेंट अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन करने वाली पाई जाती है जो इसे फेसबुक के पेज से हटा दिया जाएगा. वहीं यदि चुनाव आयोग या उसके कर्मचारी किसी कंटेंट को लेकर नियमों के उल्लंघन की शिकायत करते हैं तो इस पर तेजी से निर्णय लिया जाएगा.
(इनपुट-भाषा)