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Twitter को जल्द मिलेगा नया लीडर, एलन मस्क ने दिए जल्द बड़े बदलाव के संकेत

एलन मस्क Twitter खरीदने के बाद लगातार चर्चा में बने हुए हैं. वे अब तक कंपनी के लिए कई बड़े फैसले ले चुके हैं. Twitter में मस्क की बढ़ती सक्रियता ने उनकी पुरानी कंपनी टेस्ला के निवेशकों को चिंतित कर दिया है. इस चिंता को समझते हुए अब मस्क ने Twitter के लिए नया लीडर तलाशने का फैसला किया है.

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एलन मस्क (File Photo)
एलन मस्क (File Photo)

माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter खरीदने के बाद नए मालिक एलन मस्क (Elon Musk) को उसमें बड़े बदलाव करने के लिए अपना काफी समय देना पड़ रहा है. पुराने कर्मचारियों की फायरिंग से लेकर नए कर्मचारियों की हायरिंग तक सभी छोटे-बड़े फैसले मस्क की सहमति से ही लिए जा रहे हैं. इसमें उलझने के कारण मस्क अपनी पुरानी कंपनी टेस्ला (Tesla) को कम समय दे पा रहे हैं. मस्क के इस कदम ने टेस्ला के निवेशकों की चिंता को बढ़ा दिया है. अब एलन मस्क ने Twitter के लिए जल्द ही नया लीडर ढूंढने की तैयारी शुरू कर दी है.

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अमेरिकी मीडिया न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक मस्क ने कंपनी चलाने के लिए नया नेतृत्व तलाशने का फैसला कर लिया है. मस्क बुधवार को अमेरिकी राज्य डेलावेयर (Delaware) की अदालत में गवाही देने के लिए पेश हुए. मस्क के Twitter खरीदने से पहले डेलावेयर कोर्ट में ही इस डील को लेकर मुकदमा शुरू हुआ था. बुधवार को कोर्ट पहुंचे मस्क ने बयान देते हुए कोर्ट में इस बात का स्पष्टीकरण दिया कि उन्हें टेस्ला में 56 अरब डॉलर (56 बिलियन USD) का पैकेज क्यों मिलता है? मस्क ने कोर्ट में कहा कि यह पैकेज वे इसलिए लेते हैं क्योंकि कंपनी में उनका रोल प्रदर्शन पर आधारित है. उनका पैकेज कंपनी के एक बोर्ड ने निर्धारित किया है.

मस्क को खर्च करना पड़ रहा ज्यादा समय

मस्क ने इस सप्ताह के अंत तक Twitter में एक बोर्ड का गठन करने का इरादा व्यक्त किया. उन्हें उम्मीद है कि इसके बाद उन्हें Twitter पर कम समय खर्च करना पड़ेगा. दरअसल, Twitter पर मस्क के ज्यादा ध्यान देने के बाद टेस्ला के इंवेस्टर्स काफी भ्रमित हो गए हैं. इसलिए निवेशकों की चिंता को दूर करने के लिए मस्क Twitter के नए लीडर की तलाश कर रहे हैं.

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इस तरह पूरी हुई Twitter Deal

> ट्विटर डील की शुरुआत इस साल अप्रैल में हुई थी. 4 अप्रैल को एलॉन मस्क ने ट्विटर में 9.2 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. इसके साथ ही वो कंपनी के सबसे बड़े शेयर होल्डर बन गए. मस्क की हिस्सेदारी को देखते हुए कंपनी ने उन्हें बोर्ड मेंबर में शामिल होने के लिए इनवाइट किया था.

> मस्क ने बोर्ड में शामिल होने से इनकार कर दिया. बाद में उन्होंने 54.2 डॉलर प्रति शेयर के भाव से 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीदने का ऑफर दिया. शुरुआत में कंपनी ने इस ऑफर को स्वीकार नहीं किया था, लेकिन कुछ दिनों बाद शेयरहोल्डर इस डील के लिए तैयार हो गए.

> मई महीने में Twitter ने अपनी फाइलिंग में बताया कि प्लेटफॉर्म पर बॉट्स की संख्या सिर्फ 5 परसेंट है. इस पर ही मस्क और पराग अग्रवाल के बीच विवाद शुरू हुआ. 13 मई को मस्क ने डील को होल्ड कर दिया.

> 16 मई को मस्क और पराग अग्रवाल के बीच बॉट अकाउंट्स को लेकर बहस हुई. इसके बाद 17 मई को मस्क ने डील होल्ड करने की धमकी दी. 8 जुलाई को मस्क डील के पीछे हट गए. 12 जुलाई को ट्विटर ने मस्क पर केस किया.

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> इसके बाद कुछ दिनों तक मस्क और ट्विटर के बीच चूहे बिल्ली का खेल चलता रहा. 4 अक्टूबर को मस्क ने यू-टर्न लेते हुए एक बार फिर डील को पूरा करने का ऑफर दिया. 27 अक्टूबर को डील फाइनल कर ली गई.

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