अहम व संवेदनशील सरकारी आंकड़ों की सुरक्षा तय करने के लिए जीमेल और याहू जैसी लोकप्रिय ईमेल सेवाओं को आधिकारिक इस्तेमाल के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है.
सूत्रों ने कहा कि इस बारे में इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डेइटी) द्वारा एक प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए महीने के अंत तक लाया जाने वाला है. रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को छोड़कर बाकी सरकारी चिट्ठियां नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) के प्लेटफार्म का उपयोग कर किया जाएगा. रक्षा मंत्रालय के पास खुद का एक अलग सुरक्षित ईमेल सर्वर है और विदेश मंत्रालय भी इसी तरह की व्यवस्था कर सकता है. यह पहल ऐसे समय में की जा रही है, जब साइबर अपराध और हैकिंग के मामले बढ़ रहे हैं.
इस सप्ताह की शुरुआत में, गूगल के 50 लाख यूजरनेम और पासवर्ड कथित तौर पर रूसी हैकरों द्वारा लीक कर दिए गए. सूत्रों ने कहा कि डेइटी ने सरकारी कार्यालयों और विभागों के लिए ईमेल के इस्तेमाल पर नीति का मसौदा तैयार किया है और इस बारे में मंत्रालयों से विचार लिए जा रहे हैं.