Facebook जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स की वजह कई बिछुड़े लोग मिले हैं. सोशल नेटवर्किंग साइट मुसीबत में भी काम आ सकती हैं. एक अध्ययन के अनुसार, छात्र संकट के समय इनका इस्तेमाल करके सूचना देकर किसी व्यक्ति से मदद मांग सकते हैं. चूंकि छात्र हर समय फेसबुक के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े रहते हैं, इसलिए इसके द्वारा संकट की स्थिति में उन्हें सूचना देना आसान है.
कारोबारी माहौल में भी इसी तरह का फायदा उठाया जा सकता है. बीते दो दशकों के दौरान आपराधिक घटनाएं जैसे स्कूल कैंपस में गोलीबारी, शोषण और लूट एवं प्राकृतिक आपदा तथा बीमारियों के प्रकोप की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसने छात्रों तथा कर्मचारियों को जोखिम में डाल दिया है.
न्यूयॉर्क स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ बुफैलो के वेनसूई हान ने कहा, ‘इस स्थिति में कैंपस अधिकारियों को ऐसी जगहों पर प्रतिक्रिया योजना बनाने की जरूरत है और मोबाइल संपर्क के कारण इसमें सोशल नेटवर्किंग साइट्स की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है.’
हालांकि, कैंपस अधिकारी छात्रों के साथ रेडियो या टेलीविजन के माध्यम से जुड़े रहते हैं, लेकिन इनकी अपनी एक सीमा है, जिसे सोशल नेटवर्किग साइट्स द्वारा दूर किया जा सकता है. फेसबुक तथा ट्विटर के माध्यम से छात्रों से जुड़े रहना सस्ता भी है. यह अध्ययन पत्रिका ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ बिननेस इंफॉर्मेशन सिस्टम’ में प्रकाशित हुआ है.
- इनपुट IANS से