मार्क जकरबर्ग ने फेसबुक के सबसे खराब दौर के बारे में बताया है. अमेरिकी उद्यमी सैम ऑल्टमैन को दिए गए एक इंटरव्यू में फेसबुक फाउंडर और सीईओ ने कुछ ऐसी बात कही जो काफी दिलचस्प और हैरान कर देने वाली हैं. उन्होंने उस दौर का जिक्र किया जब याहू ने फेसबुक को खरीदने का ऑफर दिया.
तब फेसबुक के यूजर्स कम थे और यह स्टार्टअप के तौर पर जाना जाता था. जकरबर्ग ने सबसे मुश्किल समय के बारे में बात करते हुए कहा कि याहू ने फेसबुक को खूब पैसा देकर खरीदने के लिए ऑफर दिया और इसे इनकार करना काफी मुश्किल था. उन्होंने यह भी कहा, 'वह कंपनी के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ'
गौरतलब है कि ऐसा 2006 में हुआ था जब फेसबुक सिर्फ 2 साल पुराना था और उसके 10 मिलियन यूजर्स थे. आपको बता दें कि तब याहू ने 1 बिलियन डॉलर (लगभग 66 अरब रुपये) में खरीदने का ऑफर दिया था.
उस वक्त फेसबुक नई कंपनी थी और याहू इसे अधिग्रहण करने के लिए इतना पैसा दे रही थी. कंपनी के ज्यादातर लोग फेसबुक को याहू से बेचने के पक्ष में थे. लेकिन फेसबुक के को फाउंडर मार्क जकरबर्ग और डस्टिन मोस्कोविज कंपनी को अपने बल बूते पर आगे ले जाना चाहते थे.
जकरबर्ग के फेसबुक न बेचने के फैसले ने कंपनी के ज्यादातर लोगों को निराश किया. इसके बाद लोगों ने कंपनी छोड़नी शुरू कर दिया. हालात यहां तक आ गए कि 1 साल में मैनेजमेंट के सभी लोगों ने कंपनी छोड़ दी.
उन्होंने कहा, 'इस फैसले के बाद कंपनी के ज्यादातर लोग चले गए क्योंकि उन्हें इस बात को कोई अंदाजा नहीं था कि हमलोग क्या कर रहे हैं'