इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 के दौरान फेसबुक इंडिया के एमडी और वाइस प्रेसिडेंट अमित मोहन, पहली बार पब्लिक में आए हैं. उन्होंने इस दौरान प्राइवेसी, कनेक्टिविटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बात की है. इस प्रोग्राम को इंडिया की सोशल मीडिया, मैनेजिंग एडिटर प्रेरणा कौल मिश्रा ने होस्ट किया.
इस सेशन में अमित मोहन ने कहा है कि फेसबुक चाहता है कि अगले कुछ सालों तक ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाया जाए. विजन के बारे में भी बात हुई और उन्होंने कुल मिला कर अपना मुख्य फोकस इंटरनेट कनेक्टिविटी को ही रखा.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के इस प्रोग्राम में प्रेरणा कौल ने फेसबुक के इंडिया हेड से प्राइवेसी को लेकर भी सवाल पूछे. इसके जवाब में उन्होंने भी वही सब कहा जो फेसबुक सीईओ मार्क जकरबर्ग समय समय पर कहते आए हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि पिछले कुछ साल में और अब में तुलना करें तो फेसबुक अब काफी अलग है. शायद उनका इशारा फेसबुक प्राइवेसी को लेकर था. क्योंकि कैंब्रिज अनालिटिका के बाद कंपनी ने वाकई काफी बदलाव किए हैं.
अमित मोहन ने आगे कहा है कि अब लोगों को फेसबुक पर उनके डेटा पर ज्यादा कंट्रोल दिया जा रहा है. फेसबुक के फायदे के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इंटरनेट और फेसबुक छोटे बिजनेस करन वालों के लिए मददगार साबित होता है. अब भी भारत में काफी लोग ऐसे हैं जिनके पास इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में कहा कि AI हेल्पफुल है. भारत में फेसबुक यूजर्स के लिए कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का टूल लाएगी जिसे लोगों के भले के लिए यूज किया जाएगा. इस टूल के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी गई है.
प्राइवेसी के मुद्दे पर कहा है, ‘मुझे लगता है कि अभी इसमें बहुत कुछ किया जाना बाकी है. हम लोगों को उनके डेटा पर ज्यादा कंट्रोल दे रहे हैं.AI फॉर सोशल गुड इन इंडिया. हम भारती फेसबुक यूजर्स के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल लाएंगे जो लोगों की मदद करेगा. AI लोगों के अच्छे के लिए यूज में लाया जा सकता है.
प्राइवेसी के मुद्दे पर उन्होंने कहा है, ‘मुझे लगता है अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. हम लोगों को उनके डेटा पर ज्यादा कंट्रोल दे रहे हैं. हम अब दो साल पहले जो कुछ थे, उससे अब काफी अलग हैं. नेटवर्क को अच्छे के लिए कैसे यूज किया जाए वो हमें ही साथ मिल कर डिसाइड करना होगा’
हम ये जानते हैं कि दुनिया के ज्यादा लोग इंटरनेट से कनेक्टेड हैं और एक दूसरे से कम्यूनिकेट कर रहे हैं.
कई टेक लीडर अपने बच्चे को सोशल मीडिया और इंटरनेट से दूर रखते हैं, आपको क्या लगता है. प्रेरणा कौल के इस सवाल पर ये दिया जवाब.पेरेंट का रोल बहुत बड़ा होता है बच्चों के लिए. 85 पेरेंट्स का मानना है कि इंटरनेट उनके लिए समस्या नहीं है. वो बस ये मेक श्योर करना चाहते हैं कि इंटरनेट पर उनकी सेफ्टी हो. वो ये नहीं चाहते की इंटरनेट ब्लॉक हो जाए उनके लिए. हमारे जैसी दूसरी टेक कंपनियां ऐसे प्रोडक्ट्स बना रही हैं जो बच्चों को खुशियां दे रहा है और साथ पेरेंट्स को कंट्रोल करना का ऑप्शन भी दे रहा है ताकि, इंटरनेट पर वो कंट्रोल्ड रहें और सिक्योर रहें .
मैसेंजर ऑफ किड्स बच्चों के लिए ही था और इससे ये मेक श्योर होता था कि वो कुछ गलत चीजें नहीं सीख रहे हैं. राइट टू फ्री एक्सप्रेशन और मिस इनफॉर्मेशन में बैलेंस बनाना जरूरी है.