ऐसा कहा जाता है कि इंसान को इंसान से बेहतर कोई नहीं समझ सकता लेकिन एक प्रयोग के बाद दावा किया गया है कि कंप्यूटर इंसान की पर्सनैलिटी को उसके करीबी लोगों (परिजन और दोस्त) से बेहतर तरीके से समझ सकता है. हजारों लोगों पर प्रयोग के बाद ऐसा दावा किया गया.
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एक हिंदी न्यूजवेबसाइट के मुताबिक फेसबुक पर लाइक के आधार पर एक कंप्यूटर मॉडल ने पांच ऐसी बातों का अनुमान लगाया जो भाई, मां, जीवनसाथी (पति-पत्नी, प्रेमी-प्रेमिका) से ज्यादा सटीक थे. हालांकि कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि इंसान की पर्सनैलिटी इससे ज्यादा कॉम्प्लेक्स होती है, लेकिन पीएनएएस जनरल में छपे रिजल्ट दिखाते हैं कि कंप्यूटर इंसान से आगे निकल सकता है. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता पहले ही कह चुके हैं कि फेसबुक लाइक्स से किसी की निजी जानकारी जैसे यौन झुकाव और राजनीतिक पसंद का अनुमान लगाया जा सकता है.
डॉक्टर यूयू वु और उनके साथियों ने 70,520 फेससबुक यूजर्स के आंकड़े अपने कंप्यूटर सिस्टम में डाले. फेसबुक यूजर्स को एक पर्सनैलिटी प्रश्नावली भरने को कहा गया और अपने सहकर्मियों, दोस्तों और परिजनों से एक सर्वे के दौरान चरित्र का साक्षी बनने को कहा गया.
इसके बाद शोधकर्ताओं ने उन रिजल्ट्स की कंप्यूटर मॉडल के रिजल्ट्स से तुलना की. लाइक्स के आधार पर कंप्यूटर मॉडल व्यक्ति की अपनी रिपोर्ट के नजदीक था. महज दस फेसबुक लाइक्स देखकर कंप्यूटर किसी सहकर्मी के आकलन के नजदीक पहुंच गया था. 70 लाइक्स के निरीक्षण के बाद कंप्यूटर दोस्त या साथ रहने वाले के आकलन तक पहुंच गया था.
150 'लाइक्स' के बाद कंप्यूटर ने परिजनों को पीछे छोड़ दिया लेकिन जीवन-साथी की समझ को पीछे छोड़ने के लिए उसे 300 लाइक्स को खंगालना पड़ा. डॉक्टर वु, जो फेसबुक में एक विजिटिंग इंटर्न और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पीएचडी स्टूडेंट हैं, कहती हैं कि औसतन फेसबुक यूजर अपने प्रोफाइल पर करीब 227 लाइक्स करता है- जो कंप्यूटर के आकलन के लिए काफी है. उन्होंने कहा, आजकल लोग ऑनलाइन बहुत समय बिताते हैं और इससे कंप्यूटर को फायदा मिलता है.