फेसबुक पर ओरिजनल वीडियो अपलोड करने वालों के लिए अच्छी खबर है. वे अब इससे कमाई भी कर सकते हैं. जी हां, फेसबुक अब एक नया फीचर जोड़ने जा रहा है.
इसके तहत अगर आप अपनी टाइमलाइन या फेसबुक पेज पर कोई वीडियो अपलोड करते हैं तो फेसबुक उस पर एड चलाएगा और इससे होने वाली आमदनी को आपके साथ शेयर भी करेगा. हां, वीडियो ओरिजनल होना चाहिए और उस पर किसी का कॉपीराइट नहीं होना चाहिए. आपको बता दें कि भारत में फेसबुक का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 12 करोड़ से ज्यादा है .
फेसबुक का नया फीचर 'सजेस्टेड वीडियो' फिलहाल आईफोन पर टेस्ट किया जा रहा है. इसका फायदा कंटेट क्रिएटर और मीडिया हाउस को भी होगा. इसका रेवन्यू मॉडल वैसा ही है जैसा कि यूट्यूब का है. फेसबुक के अनुसार 10 सेकेंड्स या उससे ज्यादा समय तक एड देखने पर ही विज्ञापन देने वाले से चार्ज किया जाएगा. यानी कि किसी वीडियो एड पर रेवन्यू तभी जनरेट होगा जब कोई सर्फर उस एड को कम से कम 10 सेकेंड्स तक देखेगा.
इस फीचर के लाइव होने के बाद आपको अपनी न्यूज फीड पर सजेस्टेड वीडियो फीड दिखाई देगी. आप जिस वीडियो को क्लिक करेंगे फेसबुक उससे संबंधित दूसरे वीडियोज़ भी आपको सजेस्ट करेगा. यही नहीं फेसबुक अपनी न्यूज फीड एल्गोरिदम में बदलाव कर रहा है. इससे सर्फर अपनी फीड में वीडियो देख सकेगा और उसे अपने अनुसार फीड में सहेज भी सकेगा.
बहरहाल, फेसबुक अपने वीडियो एड से हासिल रेवन्यू का 55 फीसदी इसके कंटेट क्रिएटर के साथ शेयर करेगा. अभी फेसबुक ने इस बाबत एनबीए, फॉक्स स्पोर्ट, टेस्टमेड एवं फनी और डाइ के साथ पार्टनरशिप की है.
आपको बता दें कि सबसे पहले यूट्यूब ने वीडियो पर एड देने शुरू किए थे. वीडियो अपलोड करने के मामले में यूट्यूब इस वक्त दुनिया की नंबर वन सोशल मीडिया साइट है. जाहिर है फेसबुक के इस कदम से अब उसे कड़ी टक्कर मिल सकती है.
अभी फेसबुक को सबसे ज्यादा रेवन्यू मोबाइल से मिल रहा है और इसमें और तेजी आने की संभावना है. एक स्वतंत्र रिसर्च कंपनी के अनुमान की मानें तो इस साल फेसबुक को पूरी दुनिया से होने वाली आमदनी में से 73 फीसदी यानी 70 हजार करोड़ रुपये (10.90 बिलियन डॉलर) सिर्फ मोबाइल एड के जरिए हासिल होंगे. मोबाइल पर फेसबुक एप्लीकेशन किसी दूसरे एप्प की तुलना में काफी सफल है.