अगर आप फेसबुक इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए है. सोशल मीडिया का यह बड़ा प्लेटफॉर्म आपकी पूरी तरह से निगरानी कर रहा है. आप उसका कहां और कैसे इस्तेमाल करते हैं और आपका वहां व्यवहार कैसा है, यह सब वहां ट्रैक हो रहा है. यह खबर एक अंग्रेजी अखबार ने दी है.
उसके मुताबिक गूगल की ही तरह अब फेसबुक भी अपने यूजर की पसंदगी-नापसंदगी और उसका व्यवहार जानना चाहता है. इसके पीछे मंशा यह है कि आपके पेज पर आपकी रुचि और आपके स्वभाव के अनुसार ही विज्ञापन डाले जाएं. आप किसी भी वेबसाइट पर जाएंगे तो फेसबुक को पता चलता रहेगा कि आप कहां हैं. हालांकि इसके लिए आपको लाइक बटन एक बार दबाना होगा. आप किस तरह की वेबसाइट में जा रहे हैं और क्या पढ़ रहे हैं, यह फेसबुक जान जाएगा. वह आपके पढ़ने की आदतों को जान जाएगा. फेसबुक ने यह टेक्नोलॉजी एक ऑटोमेटिक फीचर के जरिये हासिल किया है. लेकिन एक्टिविस्ट का कहना है कि गूगल और फेसबुक को यूजर से संबंधित डेटा का इस्तेमाल उसकी अनुमति से ही करना चाहिए.
विज्ञापनदाताओं के लिए फेसबुक एक तरह से डेटा बैंक बना रहा है ताकि वह उपयुक्त लोगों के सामने विज्ञापन कर सकें. फेसबुक से प्राप्त डेटा को डेटा ब्रोकर कंपनियां प्रॉसेस कर लेती हैं और उन्हें यूजर के प्रोफाइल का पता चल जाता है. इस डेटा को विज्ञापनदाताओं को दे दिया जाता है और वह अपने हिसाब से यूजर को टारगेट करती हैं.
यह काम कुछ इस तरह से होता है. मान लीजिए आप फैशन और एक्सेसरीज की साइट पर जाते रहते हैं. ऐसी हालत में माना जाएगा कि आप इनके शौकीन हैं और आपको फैशन का सामान बनाने वाली कंपनियां विज्ञापन बेहतर ढंग से दे पाएंगी. फेसबुक के लिए यह बड़ा बिजनेस होगा. इसके पहले गूगल ने इस तरह के डेटा के जरिए13 अरब डॉलर की कमाई की थी. फेसबुक इससे भी बड़ा बिजनेस करना चाहता है.
कुछ देशों खासकर यूरोप में यूजर की अनुमति के बगैर डेटा इकट्ठा करना गलत है और इसके लिए कानून बने हुए हैं. उनका मानना है कि यह निजता का हनन है. इसके लिए गूगल और फेसबुक के यूजर की अनुमति लेनी चाहिए. हालांकि फेसबुक ने ऑप्ट आउट की व्यवस्था कर रखी है लेकिन बहुत कम लोग इसके बारे में जानते हैं.