अगर आप फेसबुक या ट्विटर यूज करते हैं तो ट्रेंडिंग टॉपिक्स के बारे में जानते होंगे. देश-विदेश से जुड़ी हुई बड़ी खबरें अक्सर ट्विटर या फेसबुक पर ट्रेंड करती हैं. आमतौर पर समझा जाता है कि यह ट्रेंड्स लोगों द्वारा उस खबर के बारे में ज्यादा से ज्यादा ट्वीट या पोस्ट करने पर बनते हैं.
लेकिन गिज्मोडो की रिपोर्ट से फेसबुक के ट्रेडिंग टॉपिक्स पर गंभीर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. इस रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि फेसबुक के ट्रेंड्स पक्षपातपूर्ण होते हैं, यानी फेसबुक जिस खबर को ट्रेंड कराना चाहता है, वो ही ट्रेंडिग टॉपिक्स में दिखती हैं.
इस रिपोर्ट में फेसबुक के पूर्व कर्मचारियों के बयान भी हैं. उन्होंने कहा है कि हमें फेसबुक पर किसी के खिलाफ या किसी के पक्ष में ट्रेंडिग टॉपिक्स शुरू करने के लिए कहा जाता है. साथ ही इसमें फेसबुक ट्रेंडिग टॉपिक्स को लेकर और भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
इस रिपोर्ट के बाद अमेरिकी सिनेट कॉमर्स कमीटी ने फेसबुक सीईओ मार्क जकरबर्ग को एक लेटर लिखकर इसका जवाब मांगा है. उनके मुताबिक फेसबुक को इन आरोपों का जवाब देना चाहिए और अगर ऐसा है तो यह ओपेन इंटरनेट के लिए काफी खतरनाक है.
अब फेसबुक ने इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए एक बयान जारी किया है. फेसबुक सर्च के वाइस प्रेसिडेंट टॉम स्टॉकी ने एक लंबा चौड़ा फेसबुक पोस्ट डाला है जिसमें ये तमाम आरोप आधारहीन बताए गए हैं. उनके मुताबिक ट्रेंडिग टॉपिक्स की टीम सख्त गाइडलाइन का पालन करते हुए टॉपिक्स को एल्गोरिदम के हिसाब से ऑडिट करती है.
हालांकि फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा है कि हमेशा की तरह ट्रेंडिंग टॉपिक्स को रिव्यू करना जारी रखा जाएगा. अगर इसमें कोई भी खामी दिखी तो इसे हम जल्द से जल्द ठीक करेंगे.