गूगल इंक का हाई प्रोफाइल और बहुप्रचारित कंप्यूटिंग डिवाइस 'गूगल ग्लास' प्राइवेसी को लेकर मुश्किल में फंस गया है.
छह देशों (ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा, मेक्सिको, इजराइल, स्विट्जरलैंड) ने संयुक्त रूप से गूगल के सीईओ लैरी पेज को पत्र लिखकर 'गूगल ग्लास' के सुरक्षा मानकों से जुड़े सवालों के जवाब मांगे हैं.
गूगल ग्लास बिना किसी वायर के ब्लूटूथ तकनीक के जरिए स्मार्टफोन से कनेक्ट हो सकता है और पहनने वाला शख्स इसे बतौर 'विजन' देख सकता है. इसे पहनने के बाद बिना किसी स्क्रीन के 'विजन' आंखों के सामने दिखेगा.
हालांकि मूल रूप से चिकित्सा संबंधी उद्देश्य से विकसित इस कंप्यूटर आईवेयर में कुछ एडवांस और चेहरा पहचानने वाली स्मार्ट एप्स डाले जाने से इसकी प्राइवेसी की दिक्कत खत्म हो गई है.
पत्र भेजने वाले छह देश गूगल से यह जानना चाहते हैं कि ये चमत्कारी चश्मा कैसे 'डाटा सुरक्षा कानून' पर खरा उतरेगा. और कैसे ये ग्लास द्वारा एकत्रित डाटा को शेयर करेगा. साथ ही उनका सवाल ये भी है कि कंपनी 'गूगल ग्लास' के सामने आने वाले सामाजिक और नैतिक मसलों को लेकर क्या कर रही है.