गूगल मैप्स ने दिल्ली में आयोजित एक इवेंट में Plus Code लॉन्च किया है. यह प्लस कोड गूगल मैप्स पर काम करेगा. कंपनी के मुताबिक भारत में ऐड्रेस को ढूंढने को आसान बनाने के लिए यह शुरुआत की गई है. हफ्ते भर पहले गूगल ने चुपके से इस फीचर को लोगों के लिए जारी कर दिया था और अब यह आधिकारिक किया गया है. इस फीचर के अलावा गूगल मैप्स वॉयस नेविगेशन में छह भारतीय भाषाओं को भी जोड़ा गया है.
क्या है Plus Code?
आमतौर पर पर भारत में ऐड्रेस काफी लंबे होते हैं जिनमें गली नंबर, लैंडमार्क, अपार्टमेंट नंबर और फ्लैट नंबर जैसी जानकारियां होती हैं. हालांकि अमेरिका जैसे देशों में ऐड्रेस छोटे होते हैं और आसान होते हैं. इसी तर्ज पर गूगल ने प्लस कोड की शुरुआत की है.
प्लस कोड एक ओपन सोर्स सल्यूशन है यानी आप खुद से अपने घर के ऐड्रेस का प्लस कोड जेनेरेट कर सकते हैं. यह फ्री है और आप इसे आसानी से बना सकते हैं.
https://plus.codes/map/ इस लिंक पर क्लिक करके आप अपना ऐड्रेस ढूंढ सकते हैं. अगर आपको अपने घर या ऑफिस का प्लस कोड नहीं मिलता है तो यहां से आप उस जगह का पता लिख कर दर्ज गूगल में सबमिट कर सकते हैं. अप्रूवल मिलते ही आपके घर का प्लस कोड तैयार हो जाएगा जिसे आप किसी को भी दे सकते हैं.
इसमें छह डिजिट का एक कोड होता है जिसके साथ शहर का कोड जुड़ा होता है. इसे आप खुद से जेनेरेट करके किसी को भी भेज सकते हैं. इस कोड को गूगल मैप्स पर डाल कर कोई भी आपके लोकेशन तक आ सकता है. आप सोच रहे होंगे कि क्यों न हम सीधे गूगल मैप्स के जरिए लोकेशन शेयर कर दें. लेकिन अगर आपके पास इंटरनेट नहीं है ऐसी स्थिति में भी आप कोड को भेज सकते हैं.
इस कोड का फायदा ये है कि गूगल मैप्स पर आपके घर की एक पहचान होगी और इसे आप अपनी सहूलियत के हिसाब से किसी डिलीवरी, कूरियर, फूड सर्विस या फिर अपने दोस्तों या रिश्तेदारों के साथ शेयर कर सकते हैं. इस कोड को गूगल मैप्स के सर्च फील्ड में डालना है और वो सीधे आपके घर तक नेविगेट कर देगा. इसे आप स्मार्टफोन या डेस्कटॉप से यूज कर सकते हैं.
गूगल के मुताबिक इस प्लस कोड को आप कई मौकों पर जैसे अस्थाई इवेंट, इमरजेंसी सर्विस और जटिल ऐड्रेस को आसान बनाने के लिए यूज कर सकते हैं.
क्यों खास है Plus Code
यह फ्री है और ओपन सोर्स है आप खुद अपना ऐड्रेस जोड़ सकते हैं.
इसे ऑफलाइन भी यूज किया जा सकता है.
प्लस कोड को पोस्टर्स, साइन बोर्ड या पेपर पर प्रिंट कराया जा सकता है. इसके तहत लोग बिना मोबाइल के भी इसे यूज कर सकते हैं.
प्लस कोड गूगल पर उन जगहों के लिए भी काम करता है जिसे मैप नहीं किया गया है.
आपात स्थिति में आप यह कोड को इमरजेंसी सर्विस के साथ शेयर कर सकते हैं ताकि आपकी जगह पहचान कर वो आप तक पहुंच सकें.
गूगल मैप्स पर ऐड्रेस ऐड कर सकते हैं
गूगल ने गूगल मैप्स पर ऐड्रेस जोड़ने के लिए Add an address का ऑप्शन दिया गया है. इस फीचर के जरिए यूजर्स गूगल मैप्स में अपना योगदान दे सकते हैं. यह उसी तरह से है जैसे पहले से ही यूजर्स किसी बिजनेस ऐड्रेस ऐड करते हैं.
गूगल मैप्स नेक्स्ट बिलियन यूजर्स के डायरेक्टर सुरेन रूहेला ने इस इवेंट के दौरान कहा है, ‘गूगल मैप्स में हमारा मकसद हमेशा से लोकेशन से जुड़ी जानकारियों को ऑर्गनाइज करना रहा है और इसे भारतीय यूजर्स के लिए आसान भी बनाया जा रहा है. इस मिशन के लिए ऐड्रेस सर्चिंग ज्यादा अहम है.'
उन्होंने कहा है कि भारत में किसी के दिए गए घर का पता ढूंढना मुश्किल है. यह लंबे होते हैं और और इसे ढूंढ पाना मुश्किल होता है. लाखों लोगों और उनका पता ढूंढना भारत में भी मुश्किल है खास कर जो रिमोट एरिया में रहते हैं. हम ऐसे चैलेंजेज से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं’
गूगल मैप्स नेक्स्ट बिलियन यूजर्स प्रोडक्ट लीड क्रिश ने कहा कि भारत लगातार गूगल को इंस्पायर कर रहा है और इससे गूगल मैप्स को और भी बेहतर बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा है, ‘हमने फीचर्स बनाने की शुरुआत की है और पार्टनरशिप का दायरा बढ़ाया जा रहा है ताकि गूगल मैप्स का अनुभव और भी बेहतर, सटीक और भरोसेमंद हो’