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देश को 14 लाख स्कूल में गूगल बताएगा कैसे रहें ऑनलाइन सेफ

गूगल के मुताबिक अब देश के 14 लाख स्कूल में क्लास 1 से लेकर 12 तक छात्रों को ये बताया जाएगा कि वो कैसे अच्छे और जिम्मेदार डिजिल सिटिजन बनें.  इसके लिए इंटरनेट सेफ्टी के सोशल और एथिकल पहलुओं पर काम किया जाएगा.

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गूगल सेफर इंटरनेट इवेंट 2018
गूगल सेफर इंटरनेट इवेंट 2018

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गूगल ने सेफर इंटरनेट डे के मौके पर दिल्ली में एक इवेंट का आयोजन किया. इस दौरान गूगल ने एनसीईआरटी के साथ पार्टनर्शिप करने का भी ऐलान किया है. इसके तहत 14 लाख स्कूल में एनसीआरटी के पाठ्यक्रम में इंटरनेट सेफ्टी जोड़ा जाएगा. कंपनी ने वेब रेंजर कॉन्टेस्ट के तीसरे एडिशन के विनर्स का भी ऐलान किया है.

सेफर इंटरनेट डे 2018 के मौके पर गूगल ने कहा है कि वो एनसीआरटी के साथ साझेदारी की है और इसके तहत डिजिटल सिटिजनशिप और सेफ्टी का पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा.

गूगल के मुताबिक अब देश के 14 लाख स्कूल में क्लास 1 से लेकर 12 तक छात्रों को ये बताया जाएगा कि वो कैसे अच्छे और जिम्मेदार डिजिल सिटिजन बनें.  इसके लिए इंटरनेट सेफ्टी के सोशल और एथिकल पहलुओं पर काम किया जाएगा. गूगल ने शिक्षकों के लिए पाठ्यक्रम डिजाइन किया है जिससे इसे पढ़ कर वो क्लासरूम में बच्चों को इसके बारे में बेहतर समझ सकेंगे.

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गूगल इंडिया की ट्रस्ट सेफ्टी डायरेक्टर सुनीता मोंहती ने कहा है, ‘इंटरनेट ने सबके लिए लाइफ आसान बना दी है और यहां एक्सप्लोर करने और क्रिएट करने की संभावनाएं भी काफी हैं. ऑनलाइन यूजर्स और वैसे यूजर्स जो पहली बार ऑनलाइन आ रहे हैं उन्हें इंटरनेट के गलत प्रभाव के बारे में जानना जरूरी है. इसलिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि इंटरनेट के खतरे और थ्रेट पर एक डायलोग की शुरुआत की जाए. एनसीईआरटी के साथ कोर्स इंटीग्रेशन करके हम बच्चों और युवकों को टार्गेट करके उन्हें इंटरनेट पर सुरक्षित रहते हुए एक्स्लोर रहने के तरीके सिखाना चाहते हैं’

क्या है डिजिटल सिटिजनशिप और सेफ्टी कोर्स

इस प्रोग्राम के में कई तरह के साधन हैं जो बच्चों और पढ़ाने वालों के लिए तैयार किए गए हैं. इसके जरिए उन्हें इंटरनेट सेफ्टी के बारे में पढ़ने के लिए टूल्स भी दिए जाएंगे. ऑनलाइन सेफ्टी का सैलेबस पाठ्यक्रम में दिया जाएगा जिसे चार पार्ट में विभाजित किया गया है- स्मार्ट बनना, सेफ बनना, डिजिटल सिटिजन बनना और फ्यूचर रेडी बनना.  यह पाठ्यक्रम अलग अलग उम्र के छात्रों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. उदाहरण के तौर पर निचले क्लास के छात्रों को टेक्नॉलॉजी सिखाने पर जोर दिया जाएगा.

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