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क्या इस तकनीक के बाद फिटनेस ट्रैकिंग के दिन लद जाएंगे

आपको याद हो तो हमने काफी पहले आपको ऐसे टैटू के बारे में बताया था जिसके जरिए अपनी स्किन को ही टच इंटरफेस में बदल सकते हैं. हालांकि यह इतना पतला नहीं था जितना पतला ये वियरेबल बनाया जा सकता है.

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स्किन पर आसानी से लगाया जा सकता है इसे
स्किन पर आसानी से लगाया जा सकता है इसे

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इन दिनों स्मार्ट वियरेबल डिवाइस यानी वैसे डिवाइस जिन्हें पहना जा सके. उदाहरण के तौर पर स्मार्ट वॉच, फिटनेस बैंड और ट्रैकिंग सेंसर जैसे वियरेबल लोगों की जरूरत बन रहे हैं.

वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक का इजाद किया है जिसके तहत स्किन से भी डेटा रिकॉर्ड किए जा सकेंगे. यह काफी पतला है और किसी टैटू जैसा ही लगता है. यानी आने अगर फिटनेस बैंड पहनते हैं तो इसकी जरूरत नहीं होगी. क्योंकि यह पतला वियरेबल आपके काम आएगा.

अगर आपको याद हो तो हमने काफी पहले आपको ऐसे टैटू के बारे में बताया था जिसके जरिए अपनी स्किन को ही टच इंटरफेस में बदल सकते हैं. हालांकि यह इतना पतला नहीं था जितना पतला ये वियरेबल बनाया जा सकता है.

ज्यादातर स्किन आधारित इंटरफेस में प्लास्टिक का यूज होता है जिसे त्वचा में जलन महसूस हो सकती है. लेकिन वैज्ञानिकों ने अब ऐसी तकनीक ढूंढ निकाली है जिससे वियरेबल में ऐसे मेटेरियल यूज किए जाएंगे जो पानी में घुल जाती है और इसके इलेक्ट्रॉनिक पार्ट स्किन को जलन होने से बचाते हैं. इतना ही नहीं हाथ आसानी से मोड़ सकते हैं इससे वियरेबल खराब नहीं होगा.

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इस नई तकनीक से बने वियरेबल में कॉन्टैक्ट लेंस में यूज किए जाने वाले मेटेरियल लगाए गए हैं. यह एक तरह की जाली है जिसे पॉलीविनाइल ऐल्कॉहल कहा जाता है. इन थ्रेड्स पर गोल्ड की लेयर चढ़ाई गई है.

इस वियरबेल को हाथ पर लगाकर थोड़ा पानी छिड़कना होगा. पानी छिड़कते ही पॉलीविनाइनल ऐल्कॉहल गायब हो जाता है, लेकिन गोल्ड थ्रेड बचे रहते हैं जिससे डेटा ट्रांसमिट किया जा सकता है या अगर चाहें तो इससे एलईडी लाइट भी जलाई जा सकती है.

टोक्यो के रिसर्चर्स का मानना है कि इस वियरेबल को हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम के तौर पर यूज किया जा सकता है. रिसर्चर्स का यह भी कहना है कि यह आरामदेह है और दूसरे वियरेबल की तरह तकलीफ नहीं देता. 

 

 

 

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