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साइबर हमले की शिकार हुईं हिलेरी क्लिंटन, जानें वजह

अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन द्वारा एक वेबसाइट का समर्थन करने के बाद वह साइबर हमले का शिकार हो गईं. यह वेबसाइट कथित तौर पर हिलेरी के राजनीतिक समर्थकों के लिए एक सोशल मीडिया मंच बनने के प्रयास के तहत शुरू की गई है.

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हिलेरी क्लिंटन
हिलेरी क्लिंटन

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अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन द्वारा एक वेबसाइट का समर्थन करने के बाद वह साइबर हमले का शिकार हो गईं. यह वेबसाइट कथित तौर पर हिलेरी के राजनीतिक समर्थकों के लिए एक सोशल मीडिया मंच बनने के प्रयास के तहत शुरू की गई है.

हिलेरी ने ट्विटर पर खुद रविवार रात इस नई वेबसाइट 'वेरिट' के बारे में जानकारी. क्लिटंन के ट्वीट के बाद वेरिट ने काम करना बंद कर दिया, ऐसा साइबर हमले के कारण हुआ. हिलेरी ने ट्वीट कर कहा, 'मैं वेरिट के साथ जुड़कर उत्साहित महसूस कर रही हूं. मेरे 6.58 करोड़ समर्थकों के लिए सोशल मीडिया मंच! क्या आप मेरे साथ जुड़ना चाहेंगे.'

वेबसाइट के निर्माता पीटर डाऊ ने कहा कि उन्होंने क्लिंटन के सपोर्टर्स के लिए एक ऑनलाइन मंच बनाने के प्रयास के तहत वेरिट की शुरुआत की गई, ताकि वे आसानी से साझा तथ्यों, आंकड़ों और जानकारियों को प्राप्त कर सकें. क्लिंटन के ट्वीट में 6.58 करोड़ का मतबल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें मिले कुल वोटों की संख्या है.

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साथ ही आपको बता दें अब एक नए तरह का लॉकी रैन्समवयेर तेजी से फैल रहा है. यह ऐसा है जो आसानी से पकड़ में भी नहीं आता है. इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स (CERT-In) ने अपनी वेबसाइट पर एक अलर्ट जारी किया है. इसमें बताया गया है कि यह लॉकी रैन्समवयेर ईमेल के जरिए तेजी से फैल रहा है. वानाक्राई के तरह इस रैन्समवेयर का भी मकसद है हैकर्स का पैसा कमाना है.

यह नया Locky रैन्समवेयर कई मायनों में WannaCry से भी खतरनाक है . क्योंकि WannaCry का टार्गेट विंडोज के पुराने ओएस वाले कंप्यूटर्स थे. लेकिन यह लॉकी रैन्समवेयर किसी की ईमेल आईडी में स्पैम की तरह आ सकता है.

 

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