भारतीय-अमेरिकी हरवार्ड छात्र अरन खन्ना ने फेसबुक मैसेंजर में एक ऐसी खामी को उजागर किया जिससे फेसबुक इस्तेमाल कर रहे किसी भी यूजर के लोकेशन पता लगाया जा सकता था.
दिलचस्प बात यह है कि फेसबुक के फाउंडर मार्क जकरबर्ग भी हार्वर्ड के ही छात्र रहे हैं और उन्होंने भी फेसबुक की शुरुआत ऐसे ही हार्वर्ड के एक कमरे से की थी.
21 साल के अरन खन्ना फेसबुक में इंटर्नशिप करने को तैयार ही थे कि उन्हें फेसबुक से जानकारी मिली की उनकी इंटर्नशिप कैंसिल हो गई है.
दरअसल हरवार्ड के कंप्यूटर साइंस के छात्र अरन खन्ना ने मई में एक मैरोडर्स नाम का मैप एक्सटेंशन ऐप्प बनाया था जो फेसबुक मैसेंजर का लोकेशन एक मैप के जरिए दिखाता था. अरन खन्ना ने लोकेशन ट्रैकिंग के लिए मैरोडर्स नाम के यह ऐप्प फेसबुक मैसेंजर की सहायता से बनाया था. इस ऐप्प को 85000 लोगों ने डाउनलोड कर इस्तेमाल भी किया था.
इस ऐप्प के वायरल होने के बाद अरन खन्ना और उनके ऐप्प को मीडिया में काफी कवरेज मिली. द गार्डियन, डेली मेल और हफिंगटन पोस्ट ने इस मामले की बड़ी कवरेज पेश की.
जैसे ही फेसबुक को इस बात की जानकारी मिली फेसबुक ने उन्हें इस ऐप्प को डिसेबल करने को कहा. अरन खन्ना ने फेसबुक की बात मानते हुए ऐप्प को डिसेबल कर दिया. हालांकि अरन का यह मानना है कि उन्होंने इस ऐप्प को किसी गलत मंसूबे से नहीं बनाया.
यह मैप इतना सटीक था कि इसका इस्तेमाल करके फेसबुक मैसेंजर यूज कर रहे किसी भी यूजर की लोकेशन आसानी से ट्रैक हो सकती थी. अरन खन्ना के मुताबिक कुछ दिनों तक लगातार फेसबुक मैसेंजर पर चैट करके किसी की हफ्ते भर की निजी जानकारी जैसे वह कहां आता जाता है, इक्ठ्ठी की जा सकती थी.
अरन खन्ना के अनुसार वह किसी भी फेसबुक मैसेंजर यूजर का लोकेशन पता लगा सकता है चाहे वो उसके फेसबुक फ्रेंडलिस्ट में हो या ना हो.
कुछ दिन पहले अरन खन्ना ने हरवार्ड जरनल के लिए एक केस स्टडी पब्लिश की है जिसमे उन्होंने सोशल मीडिया द्वारा लोगों के निजता में सेंध लगाए जाने से जुड़े कुछ सवाल पूछे हैं.
देखें मैरोडर मैप कैसे करता था काम
अरन खन्ना का ट्वीट
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— Aran Khanna (@arankhanna) May 26, 2015