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भारतीय इमीग्रेंट्स ने अमेरिका को दी हैं खरबों रुपये की कंपनियां

डोनाल्ड ट्रंप ने प्रेसिडेंट बनते ही इमीग्रेशन पॉलिसी में बड़ा बदलाव करते हुए सात मुस्लिम देशों से आने वाले शर्णार्थियों पर बैन लगा दिया. इसके बाद इमीग्रेशन पर नई बहस छिड़ गई है. आपको शायद यह जान कर हैरानी होगी कि भारतीय मूल के लोगों ने अमेरिका को खरबों रुपये की कंपनियां दी हैं. जानिए ऐसे ही और दिलचस्प आंकड़े..

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ब्लूम एनर्जी के फाउंडर के आर श्रीधर
ब्लूम एनर्जी के फाउंडर के आर श्रीधर

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इमीग्रेंट्स न होते तो ऐपल न होता. ऐसा हम नहीं बल्कि खुद टेक्नॉलोजी दिग्गज कंपनियां प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के इमीग्रेशन बैन के बाद कह रही हैं. ऐपल और गूगल से लेकर ओरैकल जैसी अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियों को बनाने में कहीं न कहीं इमीग्रेंट्स शामिल हैं. वो चाहे को फाउंडर हों, फाउंडर हों या आला अधिकारी.

अमेरिकी बिलियन डॉलर स्टार्टअप में सबसे आगे भारतीय
दिलचस्प यह है कि अमेरिका की ज्यादातर बिलियन डॉलर वाले स्टार्टअप को स्थापित भारतीय मूल के लोगों ने की है यानी इमीग्रेंट्स. नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिस की एक स्टडी के मुताबिक भारतीय इमीग्रेंट्स वहां बिलियन डॉलर कंपनियां स्थापित करने के मामले में नंबर-1 हैं.

स्टडी के मुताबिक भारतीय मूल के 14 उद्यमियों ने अमेरिका में बिलियन डॉलर की कंपनी बनाई है जिन टोटल वैल्यू 19.6 बिलियन डॉलर है.

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ये हैं वो भारतीय मूल के उद्यमी जिन्होंने अमेरिका में बिलियन डॉलर वाली टेक आधारिक कंपनियां बनाई हैं-

1. अपूर्व मेहता ने 2012 में ऑनलाइन ग्रॉसरी सर्विस Instacart की शुरुआत की जिसकी वैल्यू 2 बिलियन डॉलर है.

2. लक्स श्रीनी ने क्लाउड बेस्ड ह्यूमन रिसोर्स प्लैटफॉर्म Zenfits की शुरुआत की जिसकी वैल्यू 4.5 बिलियन डॉलर है.

3. केआर श्रीधर ने पावर जेनेरेशन कंपनी ब्लूम एनर्जी की शुरुआत की जिसकी वैल्यू 2.9 बिलियन डॉलर है.

4. धीरज राजाराम ने 2004 में डेटा अनालिटिक्स कंपनी Mu Sigma की शुरुआत की जो फिलहाल 1.5 बिलियन डॉलर वैल्यू वाली कंपनी है.

5. जहांगीर मुहम्मद ने इंटरनेट ऑफ थींग्स पर आधारित क्लाउड सॉफ्टवेयर प्लैटफॉर्म Jasper की शुरुआत भी 2004 में की जो फिलहाल 1.4 बिलियन डॉलर की कंपनी है.

6. ज्योती बंसल ने 2008 में ऐप डायनेमिक्स ऐप्लिकेशन मैनेजमेंट की शुरुआत की और काफी कम समय में ही उनकी कंपनी में लगभग 900 कर्मचारी हैं और इसकी वैल्यू 1 बिलियन डॉलर है.

अमेरिका के आधे से ज्यादा स्टार्टअप इमीग्रेंट्स ने बनाए हैं
सबसे चौंकाने वाला डेटा यह है कि अमेरिका के आधे से ज्यादा स्टार्टअप शुरुआत करने वाले इमीग्रेंट्स हैं जिनकी टोटल वैल्यू लगभग 1 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा है. 70 फीसदी कंपनियों के खास पदों पर इमीग्रेंट्स ही हैं जो उनकी पॉलिसी तय करने से लेकर रिसर्च और डेवलपमेंट्स का भी काम करते हैं.

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अमेरिका में तगड़े स्टार्टअप में नंबर-1 हैं भारतीय
एक स्टडी के मुताबिक अमेरिका की 51 फीसदी बिलियन डॉलर वैल्यू वाले स्टार्टअप की शुरुआत इमीग्रेंट्स ने ही की है. इस मामले में भारतीय इमीग्रेंट्स के स्टार्टअप पहले पायदान पर हैं जिनकी संख्या लगभग 14 है. इस लिस्ट में दूसरे और तीसरे नंबर पर कनाडा और ब्रिटेन हैं जिनके इमीग्रेंट्स ने अमेरिका में 8-8 बिलियन डॉलर स्टार्टअप स्थापित किए हैं.

दी वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी की ही स्टडी में ऐसी 44 बड़ी कंपनियों का जिक्र है जिसमें कहा गया है कि इनकी कुल वैल्यू 168 बिलियन डॉलर है और सभी कंपनियां अमेरिका में औसतन 760 नौकरियां देती हैं.

तीन सबसे ज्यादा वैल्यू वाली अमेरिकी कंपनियां जिसमें कैब सर्विस उबर टेक्नोलॉजी, डेटा सॉफ्टवेयर कंपनी प्लानटिर टेक और रॉकेट मेकर स्पेस एक्सप्लोरेशन टेक्नॉलोजी जैसी कंपनियां शामिल हैं. ये तीनों ही कंपनियों की शुरुआत इमीग्रेंट्स ने ही की हैं.

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