सरकार की तरफ से लोक सभा में ये कहा गया कि अगले साल के अंत तक सभी 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में इंटरनेट की सुविधा पहुंचने की उम्मीद है. इसके साथ ही ये भी बताया गया कि नेट कनेक्टीविटी को मजबूती 'लेस कैश अर्थव्यवस्था' को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिया जा रहा है.
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संसद में केंद्रीय राज्य मंत्री पी.पी. चौधरी ने संचार राज्य मंत्री, मनोज सिन्हा की गैरमौजूदगी में उनकी जगह एक प्रश्न का जवाब देते हुए ये बताया कि, इस साल मार्च में भारतनेट प्रोजेक्ट के पहले चरण में एक लाख ग्राम पंचायतों को अंडरग्राउंड ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा जाएगा. बचे 1.5 लाख ग्राम पंचायतों को भारतनेट प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में दिसंबर 2018 तक कनेक्ट कर लिया जाएगा.
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संचार राज्य मंत्री, मनोज सिन्हा ने लिखित जवाब में ये बताया कि लेस कैश इकोनॉमी के बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट को मजबूती दी जा रही है. इंटरनेट की गैरमौजूदगी से डिजिटल इंडिया की पहल प्रभावित होगी. इंटरनेट नहीं होने से यूजर्स ई-गवर्नेंस सेवा का लाभ नहीं ले पाएंगे.
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29 जनवरी 2017 तक ऑप्टिकल फाइबर केबल 76,089 ग्राम पंचायतों में 1,72,257 किलोमीटर की कुल लंबाई में बिछाई जा चुकी है. लगभग 16,355 ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टीविटी भी दी जा चुकी है.