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ऐपल को पीछे छोड़ कुछ समय के लिए दुनिया की नंबर-1 कंपनी बनी माइक्रोसॉफ्ट

दुनिया की नंबर-1 कंपनी बनने के लिए ऐपल और माइक्रोसॉफ्ट में कांटे की टक्कर चल रही है. इसकी क्रम में कुछ समय के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने ऐपल को पीछे छोड़ा.

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Representational Image
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कई साल लगातार दुनिया की नंबर-1 कंपनी ऐपल को माइक्रोसॉफ्ट ने पीछे छोड़ दिया. 8 साल में पहली बार माइक्रोसॉफ्ट ने मार्केट कैप वैल्यू के मामले में ऐपल को पीछे छोड़ा. कुछ समय के लिए माइक्रोसॉफ्ट का मार्केट कैप 812.9 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि ऐपल का मार्केट कैप 812.60 बिलियन डॉलर था. हालांकि ये कुछ समय के लिए ही रहा और फिर से ऐपल नंबर-1 बन गई है. पिछले कुछ हफ्तों से ऐपल के शेयर गिर रहे हैं.

सिर्फ कुछ समय के लिए माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बनी, लेकिन अब दोनों के बीच नंबर-1 की जंग तेज हो गई है. पहली बार 2010 में ऐपल ने माइक्रोसॉफ्ट से नंबर-1 का ताज छीन कर दुनिया की नंबर-1 कंपनी बनी थी और तब से अब तक लगातार ऐपल टॉप पर है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले पांच सालों से ऐपल के स्टॉक में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और इसी साल ऐपल 1 ट्रिलियन डॉलर वैल्यू वाली कंपनी भी बनी.

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रिपोर्ट के मुताबिक ऐपल के निवेशक आईफोन की बिक्री से थोड़े चिंतित हैं, क्योंकि ऐपल के कुल रेवेन्यू का 60 फीसदी हिस्सा iPhone की बिक्री से आता है. हाल में ही आए रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कंपनी ने iPhone X के पोडक्शन को फिर से शुरू कर दिया है और इसकी वजह नए iPhone XS की बिक्री में हो रही गिरावट है.

माइक्रोसॉफ्ट की बात करें तो हाल के कुछ साल में कंपनी के स्टॉक अच्छे चल रहे हैं. सत्य नडेला को 2014 में सीईओ बनाया गया था और तब से कंपनी बेहतर स्थिति में है. रिपोर्ट के मुताबिक नडेला क्लाउड पर फोकस कर रहे हैं और कंपनी ने अपने प्रतिद्वंदी ऐमेजॉन को पीछे छोड़ा है.

माइक्रोसॉफ्ट ने इसी साल मार्केट कैप के मामले में गूगल को पीछे छोड़ा और पिछले महीने ही कंपनी ने ऐमेजॉन को भी पीछे छोड़ दिया है और अब नजर ऐपल पर है.

आपको बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट की ज्यादातर कमाई विंडोज, सर्फेस और Xbox से होती है जो इनकी कुल कमाई का 36 फीसदी हैं. गूगल की बात करें तो कंपनी की 86 फीसदी कमाई विज्ञापन से होती है.

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