सैमसंग और एपल से बुरी तरह पिट चुकी कंपनी 'नोकिया' अपना मोबाइल बिजनेस बेचने वाली है. उसके डिवाइसेस, सर्विसेस और पेटेंट्स को दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट 5.44 अरब यूरो (करीब 48 हजार करोड़ रुपये) में खरीदने जा रही है. दोनों कंपनियों के बीच मंगलवार को यह समझौता हुआ.
अब नोकिया के फोन सीधे तौर पर माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम से जुड़ जाएंगे. इस डील के बाद सैमसंग, सोनी और एचटीसी जैसी कंपनियों को कड़ी टक्कर मिल सकती है. सूत्रों के मुताबिक, यह सौदा साल 2014 की पहली तिमाही में हो सकता है.
क्या सुधरेंगे नोकिया के हालात?
सौदे के बाद माइक्रोसॉफ्ट हार्डवेयर के क्षेत्र में दिग्गज कंपनी हो जाएगी और नोकिया तकनीक और सॉफ्टवेयर पर ध्यान केंद्रित करेगी. सौदे से नोकिया के वित्तीय हालात सुधरेंगे और उसके दूसरे व्यापारों में निवेश का आधार मजबूत होगा. बताया जा रहा है कि डील को नोकिया के शेयरधारकों ने मंजूरी दे दी है और नियामकों से भी हरी झंडी मिल चुकी है.
कर्मचारी भी होंगे शिफ्ट
डील के बाद नोकिया के सभी मोबाइल फोन, सर्विस बिजनेस और स्मार्ट डिवाइस बिजनेस यूनिट, प्रॉडक्शन की सुविधाएं और सेल्स-मार्केटिंग माइक्रोसॉफ्ट के हो जाएंगे. साथ ही, नोकिया के करीब 32,000 कर्मचारी माइक्रोसॉफ्ट के लिए काम करने लगेंगे.
नोकिया बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के चेयरमैन रिस्टो सिलास्मा ने कहा, 'हमने कई विकल्पों पर विचार किया. हमें लगता है कि यही फैसला नोकिया और उसके शेयरधारकों के लिए सबसे उपयुक्त है. '
नोकिया और माइक्रोसॉफ्ट के बीच सबसे पहले 2011 में समझौता हुआ था. इसके तहत नोकिया के सभी विंडो बेस्ड फोन माइक्रोसॉफ्ट के प्लेटफॉर्म पर भी काम करते हैं.