सुरक्षा एजेंसियों ने भले ही अति सुरक्षित BlackBerry मेसेंजर (BBM) के कोड को डीकोड करने का तरीका ढूंढ लिया हो, लेकिन यूजर्स को कॉल करने और मेसेज भेजने की सुविधाएं देने वाली WhatsApp मेसेंजर और Viber (यह मुफ्त सेवा है) जैसी दूसरी एप्लीकेशन्स बड़े ही आराम से काम कर रही हैं.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक यूजर्स को मुफ्त में ऑडियो, वीडियो, चैट सर्विस और लोकेशन ढूंढने में मदद करने वाली WhatsApp और वाइबर जैसी कोड युक्त एप्लीकेशन्स भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं.
उन्होंने कहा, 'यूजर्स को ये मोबाइल एप्लीकेशन्स एंड्रॉयड जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम्स के जरिए बिल्कुल मुफ्त में मिल जाती हैं और इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता है. अगर जरूरत पड़ी तो इन्हें डीकोड करना बेहद मुश्किल है क्योंकि इनमें से ज्यादातर एप्लीकेशन्स के सर्वर भारत से बाहर मौजूद हैं.'
अधिकारी ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि सरकार के सामने अनगिनत मोबाइल एप्लीकेशन्स एक गंभीर तकनीकी चुनौती है.
साइबर कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल के मुताबिक, 'इन एप्लीकेशन्स के जरिए मेसेज भेजकर या ऑडियो-वीडिया का सहारा लेकर किसी भी तरह की देश विरोधी गतिविधि को अंजाम दिया जा सकता है. और तो और WhatsApp, True Caller, Fring, Viber जैसी दूसरी एप्लीकेशन्स ने एसएमएस की जगह ले ली है. इससे सुरक्षा प्रणाली और कमजोर हो गई है.'
हालांकि, बड़ी टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि इतने सारी मोबाइल एप्लीकेशन्स को मॉनिटर करना बहुत मुश्किल है.
सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डायरेक्टर जनरल राजन एस मेथ्यू के मुताबिक केवल टेलीकॉम कंपनियां ही इन एप्लीकेशन्स का एक्सेस देने के लिए जिम्मेदार हैं.