scorecardresearch
 

ज्यादातर भारतीय इंटरनेट पर रोज ये देखे बिना नहीं रह पाते!

डिजिटलीकरण के इस दौर में आदतें भी डिजिटल होती जा रही हैं. इसकी मिशाल पेश करता हुआ एक चौंकाने वाला सर्वे सामने आया है. हम भारतीय कहीं छुट्टी मनाने जायें या दिन ही छुट्टी का हो अपना ई-मेल देखने से पीछे नहीं रहते. कुछ आदतें इंसान का पीछा नहीं छोड़ती उनमें से अब ये एक बन चुकी है. ये हम नहीं कह रहे, ये बात हालिया सर्वे से सामने आई है.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

Advertisement

डिजिटलीकरण के इस दौर में आदतें भी डिजिटल होती जा रही हैं. इसकी मिशाल पेश करता हुआ एक चौंकाने वाला सर्वे सामने आया है. हम भारतीय कहीं छुट्टी मनाने जायें या दिन ही छुट्टी का हो अपना ई-मेल देखने से पीछे नहीं रहते. कुछ आदतें इंसान का पीछा नहीं छोड़ती उनमें से अब ये एक बन चुकी है. ये हम नहीं कह रहे, ये बात हालिया सर्वे से सामने आई है.

आइएएनएस की खबर के मुताबिक, साइबर सिक्योरिटी फर्म मकैफी के एक सर्वे में यह बात सामने आई है. सर्वे के दौरान 29 फीसदी लोगों ने यह स्वीकार किया वे दिनभर लगातार अपने ईमेल चेक करते हैं. यह सर्वे छुट्टी पर रहने के दौरान उपभोक्ताओं के व्यवहार और मनोभाव को जानने के लिए करवाया गया था. साथ ही, इसका मकसद यह भी जानना था डिजिटलीकरण की आदतों से लोगों की व्यक्तिगत सूचना को लेकर कैसे खतरा पैदा हो रहा है.

Advertisement

सर्वे में पाया गया कि लोग यह जानते हुए भी ईमेल से जुड़े रहना पसंद करते हैं कि इससे अलग होने पर उनको सुकून मिलेगा. आधे से ज्यादा, तकरीबन 60 फीसदी, भारतीयों ने सर्वे में यह संकेत दिया कि अवकाश के दिनों वे कम से कम एक घंटा अपने ईमेल, लिखित संदेश पढ़ने और भेजने और सोशल मीडिया पर बिताते हैं.

मकैफी में इंजीनियरिंग विभाग के वाइस-प्रेसिडेंट और प्रबंध निदेशक वेंकट कृष्णापुर ने कहा, 'छुट्टियां, इन डिवाइसेस से फुर्सत पाने का एक आदर्श मौका हो सकती हैं लेकिन ज्यादातर भारतीय फिर भी ऐसा करते हैं, मतलब इनसे जुड़े रहते हैं.' लेकिन, लोग जब सुविधा को सुरक्षा पर तरजीह देते हैं और असुरक्षित वाईफाई एक्सेस प्वाइंट्स का इस्तेमाल करते हैं तो वे अपनी व्यक्तिगत सूचनाओं के सार्वजनिक होने की संभावनाओं के साथ समझौता करते हैं.

उन्होंने बताया, 'हमारे अध्ययन से यह जाहिर होता है कि चार में प्राय: तीन भारतीय अपने अवकाश के दिनों में परिवार, दोस्त और सोशल मीडिया से जुड़ने के लिए असुरक्षित वाईफाई पर भरोसा करते हैं और इस तरह वे साइबर अपराधियों के शिकार बन जाते हैं.'

उन्होंने कहा कि यात्रा पर होने के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और ऑनलाइन व्यवहार में प्रौद्योगिकी द्वारा उपलब्ध सुविधाओं पर भरोसा करना चाहिए. सर्वे में 18 से 55 वर्ष की उम्र के 1,500 लोगों को शामिल किया गया था, जोकी रोजाना कनेक्टेड डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं. मकैफी ने सार्वनकि और असुरक्षित वाईफाई नेटवर्क का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है.

Advertisement

कैलिफोर्निया स्थित कंपनी के मुख्यालय सांता क्लारा ने कहा, 'अगर आपके लिए सार्वजनिक वाईफाई नेटवर्क का इस्तेमाल जरूरी है तो वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल कीजिए, जिससे आपकी सूचना निजी बनी रहेगी और डेटा सीधा आपकी डिवाइस से वहां पहुंचेगा जहां से आप जुड़ना चाहते हैं.'

Advertisement
Advertisement