आने वाले दिनों में अगर आप अपने स्मार्टफोन या फिर टैबलेट पर कुछ सर्च करते हैं, और गूगल सर्च द्वारा सुझाए गए विकल्पों में आपकी फेवरेट वेबसाइट ना हो तो चौंकिएगा मत. ऐसा भी संभव है कि उस वेबसाइट में आपकी जरूरत का कंटेंट हो पर वह गूगल के सर्च रिजल्ट में नहीं दिखे. इसकी वजह है गूगल के सर्च इंजन में बड़ा बदलाव. आगामी मंगलवार से गूगल अपने सर्च इंजन के सर्च बिहेवियर में बदलाव करने जा रहा है. गूगल पर सर्च करने के 13 तरीके
नए फॉर्मूला सर्च में उन्हीं वेबसाइट को तवज्जो देगा जिसे गूगल 'मोबाइल फ्रेंडली' मानता है. जो भी वेबसाइट गूगल द्वारा तय किए गए नए पैमाने पर फिट नहीं बैठती उसे सर्च पेज पर नीचे जगह मिलेगी. वहीं पैमाने पर खरा उतरने वाली वेबसाइट टॉप रैंकिंग पाएगी. गूगल खोजेगा आपका 'गायब' एंड्रॉयड फोन
आपको बता दें कि गूगल का नया फॉर्मूला डेस्कटॉप और लैपटॉप पर नहीं लागू होगा. इन दिनों ज्यादातर लोग सर्च करने के लिए अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में ये बदलाव यूजर बिहेवियर को बड़े स्तर पर प्रभावित करेंगे. कई सर्च एक्सपर्ट इस बदलाव को Mobile-geddon का नाम दे रहे हैं. गूगल बैलून से देगी इंटरनेट सेवा
गूगल द्वारा किए गए बदलाव के बारे में अहम जानकारी
1. गूगल द्वारा तय पैमाने पर फिट बैठने के लिए वेबसाइट को ऐसा होना चाहिए जो मोबाइल डिवाइस पर जल्दी लोड हो.
2. कंटेंट को पढ़ने के लिए आसानी से ऊपर या नीचे की ओर स्क्रॉल किया जा सके. बाएं और दाएं स्क्रॉल का ऑप्शन होना गूगल के पैमाने के खिलाफ है.
3. वेबसाइट पर किसी एक्शन के लिए बनाए गए बटन ऐसे हों जो छोटे स्क्रीन वाले मोबाइल पर भी आसानी से दिखे और क्लिक किए जा सकें.
गूगल के इस बदलाव से उन वेबसाइटों को ज्यादा समस्या आने वाली है जिन्हें डेस्कटॉप को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था. ऐसी वेबसाइटों की ग्राफिक्स को मोबाइल पर लोड होने में ज्यादा वक्त लगता है. इसके अलावा इन वेबसाइट के टेक्स्ट भी छोटे स्क्रीन पर पूरी तरह से फिट नहीं बैठते हैं.
ऐसा नहीं है कि गूगल ने ये बदलाव अचानक ही किए हैं. गूगल कई सालों से डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़ी कंपनियां से कहता रहा है कि वे मोबाइल यूजर को ध्यान में रखते हुए अपनी साइट बनाएं क्योंकि ज्यादातर लोग मोबाइल पर सर्च करते हैं. तभी तो नए सर्च फॉर्मूले की जानकारी 2 महीने पहले ही दे दी गई थी. गूगल ने हर वेबसाइट को नए फॉर्मूले के अनुरूप तैयार करने के लिए गाइडलाइन जारी किए थे और टेस्टिंग टूल भी जारी किया था.
जानकारों का मानना है कि इस बदलाव के बाद एक बार फिर डिजिटल वर्ल्ड में हो हल्ला मचना तय है. इससे पहले गूगल ने 2011 और 2012 में सर्च इंजन में बड़े बदलाव किए थे तब भी विवाद हुआ था. उस वक्त गूगल का कहना था कि उसका मकसद गलत वेबसाइटों को सर्च रिजल्ट से बाहर निकलना था. लेकिन कई वेबसाइट ने आरोप लगाया कि गूगल के इस बदलाव से उनको बड़ा नुकसान हुआ क्योंकि उनके कंटेंट को सर्च पेज पर खराब रैंकिंग मिली. जिस वजह से उनके कंटेंट को नहीं पढ़ा गया.