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ऐसे हैक हुआ होगा राहुल गांधी और कांग्रेस का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट

जानिए कैसे हैकर्स किसी के सोशल मीडिया अकाउंट्स को हैक कैसे करते हैं. इस दौरान शायद आपको राहुल गांधी के ट्विटर हैक होने के संभावित कारणों का भी अंदाजा हो जाएगा.

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क्यों हुआ राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट हैक
क्यों हुआ राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट हैक

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राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट कल से दो बार हैक हो चुका है. कई अश्लील ट्वीट भी किए गए और नाम भी बदल दिया गया. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट भी हैक हुआ है. यह पहला मौका नहीं है इससे पहले भी भारत सरकार की वेबसाइट्स से लेकर सोशल मीडिया हैंडल तक हैक हो चुके हैं. फिलहाल इन अकाउंट्स को रीस्टोर किया जा चुका है, लेकिन आगे भी अकाउंट हैक हो जाए इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता. क्योंकि साइबर स्पेस में हैकिंग आम है और भारत में साइबर सिक्योरिटी की हालत बद से बदतर है.

आइए जानते हैं हैकर्स किसी अकाउंट्स को हैक कैसे करते हैं. इस दौरान शायद आपको राहुल गांधी के ट्विटर हैक होने के संभावित कारणों का भी अंदाजा हो जाएगा.

ईमेल हैकिंग- ऐसे लगाते हैकर्स लगाते हैं ईमेल का पता
कोई भी ट्विटर अकाउंट किसी ईमेल से जुड़ा होता है और ईमेल आईडी हैक करना ब्लैक हैट हैकर्स के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होता. एक बार उस अकाउंट से जुड़ी ईमेल आईडी हैक हो गई फिर उसके जरिए हैकर्स उससे जुड़े तमाम सोशल मीडिया अकाउंट्स में सेंध लगा सकते हैं. यूजरनेम बदलने से लेकर ट्वीट करने के काम आसानी से अंजाम दिया जा सकता है. आपके दिमाग ये सवाल आ सकता है कि हैकर्स को राहुल गांधी की ईमेल आईडी का पता कैसे चला. सोशल मीडिया अकाउंट से जुड़े ईमेल आईडी को जानने के लिए हैकर्स लीक्डसोर्स जैसे डेटाबेस का सहारा लेते हैं.

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इस डेटाबेस में कई साल पुराने हैक किए हुए पॉपुलर वेबसाइट्स के ईमेल अड्रेस, यूजरनेम और पासवर्ड मिल जाते हैं. उदाहरण के तौर पर इस वेबसाइट पर लगभग 360 मिलियन माइ स्पेस के हैक्ड अकाउंट की जानकारियां होती हैं. यहां से डेटा लेकर हैकर्स का काम आसान हो जाता है. कई बार यहां दिए गए यूजरनेम और पासवर्ड काम कर जाते हैं और अकाउंट को हैक कर लिया जाता है.

थर्ड पार्टी ऐप ऐक्सेस
अगर आप ट्विटर यूज करते हैं तो पता होगा कि कई बार आप ट्विटर के जरिए या ट्विटर के लिए कोई दूसरे ऐप्लिकेशन यूज करने के लिए आपने कुछ ऐप को अपना ट्विटर ऐक्सेस दिया होगा. इसमें कई तरह के परमिशन होते हैं जिनमें सबसे गंभीर परमिशन ये होता है कि वो ऐप आपकी जगह पर आपके ट्वीट पोस्ट कर सकता है. यानी आपने अनजाने में एक ऐप को अपने ट्विटर अकाउंट का फुल ऐक्सेस दे दिया है. अगर राहुल गांधी का अकाउंट को उदाहरण के तौर पर लें, तो संभव है उनकी सोशल मीडिया टीम या खुद उन्होंने किसी ऐसे ऐप को ऐक्सेस दिया होगा जिसके जरिए हैकर्स ने उनके अकाउंट में सेंध लगा दी हो.

कई बार हैकर्स ऐसे बना कर रखते हैं जो ट्विटर यूज करने के एक्सपीरिएंस को बेहतर करता है और ऐसे में लोग उसे यूज करके उनका शिकार बन जाते हैं.

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सोशल इंजीनियरिंग
यह सबसे पॉपुलर तरीका है किसी के अकाउंट हैक करने का. काफी सिंपल भी है जिसके तहत हैकर्स अपने गुर्गों के जरिए किसी यूजर का विश्वास जीतते हैं. फिर काफी अर्से बाद इसका गलत यूज करते हैं. कभी जान बूझ कर या अनजाने में आपकी जरूरी आईडी और पासवर्ड जान लेते हैं फिर हैक कर लेते हैं.

राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट हैक कि एक संभावित वजह यह भी है. सोशल मीडिया टीम इंसान होती है और किसी पर विश्वास करना इंसान की फितरत. मुमकिन है राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल करने वाले शख्स के किसी विश्वास पात्र ने ऐसा किया है. हालांकि यह जांच का विषय है और अभी कुछ भी कह पाना जल्दबाजी होगी.

वाईफाई स्निफिंग और कीलॉगिंग
इंटरनेट के डेटा पैकेट के शक्ल में ट्रैवल करते हैं जिनमें इनफॉर्मेंशन स्टोर रहते हैं. वाईफाई नेटवर्क से जुड़े सभी डिवाइस के बीच के कम्यूनिकेशन में भी ऐसा ही होता है. हैकर्स स्निफिंग टूल के जरिए इन पैकेट्स को कलेक्ट करके डीकोड या डीक्रिप्ट करते हैं. इसके बाद जरूरी जानकारी यहां से निकाल ली जाती हैं. इनमें ईमेल आईडी, पासवर्ड और वेबसाइट्स से जुड़ा मेटाडेटा शामिल होता है.

उदाहरण के तौर पर अगर सोशल मीडिया यूज का मेटा डेटा हैकर्स तक पहुंच जाए तो उसे यूज करके वो किसी के अकाउंट्स में सेंधमारी कर सकते हैं.

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कीलॉगिंग भी काफी पॉपुलर और एंट्री लेवल हैकिंग का तरीका है. इसके तहत किसी विक्टिम के कंप्यूटर में हैकर की लॉगर डालता है. इसके बाद उस यूजर द्वारा यूज किया जाने वाला सभी डेटा रियल टाइम हैकर के पास जाता है. इसकी खासियत यह होती है कि अगर आपका अकाउंट कोई दूसरा भी यूज कर रहा होता है तो आपको इसकी जानकारी नहीं होती. क्योंकि उसने न तो आपके पासवर्ड को क्रैक किया है न ही आईडी हैक की है. हैकर आपकी ही आईडी और पासवर्ड यूज करता है और आपको पता भी नहीं चलता.

इन बेसिक तरीकों के जरिए हैकर्स बड़े से बड़े हैकिंग को अंजाम देते हैं. संभव है राहुल गांधी के ट्विटर हैक में भी इनमें से ही कोई तरीका अपनाया गया हो. क्योंकि ट्विटर अकाउंट में ऐसा डेटा नहीं होता जो ज्यादा संवेदनशील हो, इसलिए ट्विटर हैक करने के लिए हैकर्स आसान वाला तरीका ही चुनते हैं.

हैकिंग और साइबर सिक्योरिटी से जुड़े कोई भी सवाल आप कमेंट में पूछ सकते हैं.

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