scorecardresearch
 

पेगासस स्पाईवेयर स्कैंडल: WhatsApp यूजर्स ने सरकार से कहा- NSO के साथ संबंधों का करे खुलासा

पत्रकारों और वकीलों सहित भारतीयों के एक ग्रुप ने शुक्रवार को सरकार से कहा कि वो स्पाइवेयर को डिप्लॉय करने के आरोपी इजरायली फर्म के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक करे.

Advertisement
X
Photo For Representation
Photo For Representation

Advertisement

  • पेगासस स्पाईवेयर की मदद से यूजर्स की हुई थी जासूसी
  • इजरायल के NSO ग्रुप ने आरोपों से किया है इनकार

पत्रकारों और वकीलों सहित भारतीयों के एक ग्रुप ने शुक्रवार को सरकार से कहा कि वो स्पाइवेयर को डिप्लॉय करने के आरोपी इजरायली फर्म के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक करे. इस ग्रुप में वो लोग शामिल हैं, जिनके फोन फेसबुक के वॉट्सऐप मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए हैक किए गए थे.

वॉट्सऐप ने पिछले हफ्ते इजरायल के NSO ग्रुप पर मुकदमा दायर किया था. वॉट्सऐप ने NSO ग्रुप पर लगभग 1,400 यूजर्स के फोन की जासूसी करने के लिए अपने क्लाइंट की मदद करने का आरोप लगाया है. इन यूजर्स में चार महाद्वीपों के राजनयिक, कई नेता, पत्रकार, सैन्य और सरकारी अधिकारी शामिल हैं.

NSO ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि वो आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सरकारों को टेक्नोलॉजी बेचता है. आपको बता दें 400 मिलियन यूजर्स के साथ भारत वॉट्सऐप का सबसे बड़ा बाजार है.

Advertisement

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, 19 प्रभावित भारतीय यूजर्स के समूह ने एक ओपन लेटर में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उन्होंने उन पर निगरानी की थी. पत्रकारों, वकीलों, शिक्षाविदों, लेखकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित भारतीयों के एक ग्रुप ने ओपन लेटर में कहा, 'ये सार्वजनिक चिंता का विषय है कि क्या भारतीय टैक्स पेयर्स का पैसा इस तरह की साइबर निगरानी पर खर्च किया गया है.'

मामले से जुड़े दो सूत्रों ने कहा, 'कथित तौर पर एनएसओ के पेगासस स्पाइवेयर से प्रभावित लोगों में से 121 भारत से हैं. वॉट्सऐप के मुताबिक, पेगासस ने प्लेटफॉर्म पर वीडियो कॉलिंग फीचर में एक खामी का फायदा उठाया. इसी का इस्तेमाल कर स्पाइवेयर ने डिवाइस में घुसने का रास्ता बनाया. एक बार एंट्री के बाद इसे फोन के डेटा समेत माइक्रोफोन और कैमरा तक का फ्री ऐक्सेस मिल गया था.

भारतीय यूजर्स के ग्रुप ने कहा कि स्पाइवेयर ने न केवल उनकी सुरक्षा, बल्कि उनके दोस्तों, परिवार, ग्राहकों और सोर्सेज की सुरक्षा से भी समझौता किया है. उन्होंने आगे कहा कि हम भारत सरकार से इस बारे में कोई जवाब चाहते हैं कि क्या उन्हें भारत के अंदर किसी ऑपरेशन के लिए अपने विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, एजेंसियों, या किसी राज्य सरकार, और NSO समूह या उसके किसी भी कॉन्ट्रैक्टर के बीच पेगासस या संबंधित मैलवेयर को डिप्लॉय करने के लिए किसी भी कॉन्ट्रैक्ट के बारे में पता था?

Advertisement

फिलहाल भारत सरकार ने स्पाइवेयर को उपयोग किए जाने की न तो पुष्टि की है और न ही इनकार किया है. सरकार ने पिछले हफ्ते वॉट्सऐप को इस ब्रीच के नेचर और यूजर्स की प्राइवेसी की सिक्योरिटी के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा है.

Advertisement
Advertisement