जियो $500 मिलियन (3,500 करोड़ रुपये) विदेशी कर्ज लेने की तैयारी कर रहा है. ये कर्ज कंपनी अपने होम ब्रॉडबैंड की एंट्री से पहले ले रही है. ताकी कंपनी ऑप्टिक फाइबर के विस्तार और आगामी स्पेक्ट्रम सेल के लिए तैयार रह सके. आपको बता दें कंपनी जल्द ही जियो गीगाफाइबर ब्रॉडबैंड सेवा की कमर्शियल लॉन्चिंग करने की तैयारी में है.
मामले से जुड़े तीन लोगों ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि एशियाई बैंकों का एक समूह दूसरों के साथ इस प्रोसेस को मैनेज कर रहा है. प्रस्तावित फंड जुटाने की प्रक्रिया रिलायंस इंडस्ट्रीज के 1.85 बिलियन डॉलर के सिंडिकेटेड लोन के साथ है. बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से सिंडिकेटेड लोन लेने का ऐलान किया गया था. कई कर्जदारों द्वारा दिए जाने वाले कर्ज को सिंडिकेटेड लोन कहते हैं.
जियो को इस कर्ज को पांच से साढ़े पांच सालों के बीच चुकाना होगा, इसकी ब्याज दर लंदन बैंक के बेंचमार्क पर आधारित है. जियो को 130-140 बेसिस पॉइंट पर ये कर्ज दिया गया है.
जियो ने अपने गीगाफाइबर ब्रॉडबैंड सेवा की घोषणा पिछले साल (AGM) एनुअल जनरल मीटिंग के दौरान की थी. अब उम्मीद की जा रही है कि इस साल AGM के दौरान कंपनी इसकी कमर्शियल लॉन्चिंग कर सकती है. फिलहाल भारत के 100 से भी ज्यादा शहरों में जियो अपने गीगाफाइबर की टेस्टिंग कर रहा है.
गीगाफाइबर ब्रॉडबैंड सेवा के प्लान्स को लेकर भी कई जानकारियां बीच-बीच में आती रहती हैं. हाल में ये जानकारी सामने आई थी कि कंपनी 50Mbps की स्पीड वाला एक बेस प्लान लेकर भी आएगी और इसके लिए 600 रुपये प्रति महीने की दर से भुगतान करना होगा. वहीं प्रीव्यू के दौरान उपलब्ध कराए गए 100Mbps स्पीड वाले प्लान की कीमत प्रति महीने 1,000 रुपये तक हो सकती है. हालांकि इन कीमतों को लेकर फिलहाल कोई पुष्टि कंपनी की ओर से नहीं मिली है.